crime- दबंगों का कहर ऐसा कि पुलिस पहुंचने पर एक दिन बाद निकल पायी मासूम की अंतिम यात्रा, जानिए पूरा मामला
खिरिया गांव में मालगुजार का श्मशान के रास्ते पर कब्जा, वापस हुई मासूम की शव यात्रा
crime- funeral of the child to police custody a day later
जबलपुर। जमीन की भूख मिटाने के लिए जिला मुख्यालय से करीब २५ किमी दूर खिरिया गांव के मालगुजार ने श्मशान जाने वाले रास्ते पर कब्जा कर लिया। मानवता तब शर्मसार हो गई, जब रास्ता नहीं होने के चलते रविवार को तीन महीने के बच्चे की शवयात्रा वापस करनी पड़ी। मालगुजार इस बात पर अड़ गया कि उधर से रास्ता दर्ज नहीं है। इसलिए वह अपने खेत से शव यात्रा नहीं ले जाने देगा। दूसरे दिन सोमवार को पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में अंतिम संस्कार हुआ। शव यात्रा रोके जाने से २० घर वाले इस गांव में तनावपूर्ण माहौल है।
निमोनिया से हुई थी बच्चे की मौत
अधारताल पुलिस के मुताबिक ग्राम पंचायत खजरी-खिरिया के खिरिया खुर्द निवासी रघुवर प्रधान के इकलौते बेटे आदित्य की निमोनिया के चलते रविवार को मेडिकल में मौत हो गई। रघुवर शाम पांच बजे शव यात्रा लेकर श्मशानघाट जा रहे थे। श्मशान का रास्ता गांव के मालगुजार रामजी विश्वकर्मा के खेत से सटकर जाता है, जिसे तीन महीने पहले उसने फेंसिंग कराकर खेत में मिला लिया। रास्ता रोके जाने पर शव यात्रा वापस लौट गई। रघुवर सहित गांव के उमेश, रवींद्र, मुन्ना, नरपत आदि के मुताबिक पीढि़यों से लोगों का अंतिम संस्कार वहीं हो रहा है।
20 घंटे बाद अंतिम संस्कार
रघुवर और गांव के लोग रातभर इंतजार करने के बाद सोमवार सुबह अधारताल थाने पहुंचे और वाकये से अवगत कराया। सरपंच अवधेश पटेल को भी जानकारी दी। दोपहर में टीआई विपिन ताम्रकार, तहसीलदार शैलेंद्र बडौनिया, पटवारी सुनील विश्वकर्मा गांव पहुंचे। पीडि़त परिवार सहित गांव वालों और मालगुजार रामजी विश्वकर्मा के बीच बातचीत कराकर फेंसिंग हटवाई। तब अंतिम संस्कार हुआ।
साल भर पहले बम्होरी में हुई थी ऐसी घटना
जिले की पनागर तहसील बम्हौरी गांव में करीब एक वर्ष पहले एेसी ही शर्मसार करने वाली घटना सामने आई थी। तब गांव वालों को शवयात्रा ले जाने के लिए लबाालब भरे तालाब से होकर जाना पड़ा था। २६ अगस्त २०१६ को गांव के धूमा सिंह पटेल की 70 वर्षीय मां शांतिबाई पटेल का निधन हो गया था। जोरदार बारिश के चलते श्मशान से सटा तालाब भर गया था और रास्ते में गांव के दबंग ने कब्जा कर धान रोप दिया था। गांव वाले मजबूर होकर तालाब से शव यात्रा लेकर श्मशान घाट तक गए थे।
रास्ते को खेत बना लिया
खजरी-खिरिया के सरपंच अवधेश पटेल के अनुसार श्मशान से जुड़ा १४ मीटर का नाला है। पंचायत की तरफ से २० फीट का पक्का नाला बनाया गया है। दोनों तरफ १०-१० फीट का रास्ता छोड़ा गया था। उसे गांव के रामजी विश्वकर्मा ने फेंसिंग कर खेत बना लिया है।
श्मशान भूमि पर कब्जा है
पनागर तहसीलदार शैलेंद्र बड़ौनिया के अनुसार खिरिया खुर्द गांव में प्रवेश से पहले परियट नदी से जुड़े नाले पर लोग अंतिम संस्कार करते रहे हैं। रिकॉर्ड में इस श्मशान से थोड़ी दूर सात एकड़ की श्मशान भूमि है। उस पर कुछ लोगों का कब्जा है। सरपंच को उसे विकसित कराने का निर्देश दिया गया है।
रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई होगी
कलेक्टर महेशचंद्र चौधरी के अनुसार बच्चे की शव यात्रा रोके जाने की सूचना पर तहसीलदार पनागर को मौके पर भेजा था। बातचीत से अंतिम संस्कार करा दिया गया है। मामले में रिपोर्ट मिलने के बाद और कार्रवाई होगी।