जनवरी से अब तक जिलाबदर के 35 आरोपी आदेश के उल्लंघन में गिरफ्तार हो चुके हैं। इनमें कई लूट, चोरी, जुआ, चाकू व शराब के साथ पकड़े गए। जिलाबदर के आरोपियों के गुजर-बसर की जांच थाना व सीएसपी स्तर से प्रभावी ढंग से न होने की वजह से इस तरह के प्रकरण सामने आ रहे हैं।
-उसे मोबाइल नम्बर बताना पड़ता है।
-पुलिस को मोबाइल नम्बर के आधार पर समय-समय पर तस्दीक करना होता है।
-उसके गुजर-बसर के बारे में घर जाकर भी औचक जांच करनी होती है।
यह है स्थिति
01 जुलाई से 31 दिसम्बर 2018 तक जिला बदर-333
01 जनवरी से 28 जून 2019 तक जिला बदर-142
इस वर्ष उल्लंघन में गिरफ्तार-35
केस-एक
28 जून की रात सिंघई कॉलोनी निवासी पिंकू काला उर्फ सुयश गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। तीन दर्जन आपराधिक वारदातों में आरोपी पिंकू के खिलाफ जिलाबदर की कार्रवाई हुई थी।
केस-दो
16 मई को हनुमानताल पुलिस ने भानतलैया में जुआ खेलते हुए जिलाबदर के आरोपी शहाबुद्दीन उर्फ सहाबू सहित सात जुआरियों को दबोचा था। शहाबुद्दीन को 18 अप्रैल को जिलाबदर किया गया था।
केस-तीन
20 फरवरी को रांझी पुलिस ने सांची पार्लर में चोरी करते हुए जिलाबदर के आरोपी को दबोचा था। फैक्ट्री क्षेत्र में वहां के सुरक्षा कर्मियों ने रंगे हाथ दबोच कर पुलिस के सुपुर्द किया था।
आइजी ने ये जारी किया निर्देश
-जिलाबदर के आरोपियों की पूरी सूची थाने स्तर पर रहेगी।
-वह कहां इस अवधि में रह रहा है?
-उसका मोबाइल नम्बर क्या है?
-वह क्या कर रहा है?
-घर और क्षेत्र में उसके होने को लेकर रोज बीट सिपाही से जानकारी अपडेट करनी होगी
-जिलाबदर का आरोपी अपने घर या क्षेत्र में रहते हुए अपराध करता मिला, तो टीआइ या सीएसपी पर कार्रवाई होगी।