गैस किट लगी वैन में कभी भी बड़ा हादसा होने की आशंका बनी रहती है। इस बात से चालक और बच्चों के अभिभावक दोनों ही अनभिज्ञ बने हुए हैं। इसके कारण बच्चों की जान से खिलवाड़ का सिलसिला रुक नहीं पा रहा है। इस समस्या से निपटने की जिम्मेदारी केवल यातायात पुलिस की नहीं है बल्कि बच्चों के माता-पिता की भी है। वह बच्चों को जिस वाहन में भेज रहे हैं, उसकी स्थिति का जायजा लेना जरूरी होता है। ताकि बच्चे घर से स्कूल और स्कूल से घर तक सुरक्षित सफर कर सकें।
नाबालिग मिले बाइक चलाते
शहर में सडक़ हादसों में कमी लाने के लिए नाबालिग द्वारा वाहन चलाने को लेकर चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत मंगलवार को तीन पत्ती पर 15 नाबालिगों को पकड़ा गया। मौके पर उनके अभिभावकों को बुलाकर चालान बनाया गया। नाबालिगों के साथ उनके अभिभावकों की काउंसलिंग भी की गई। ट्रैफिक पुलिस 16 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों की लर्निंग लाइसेंस बनाने के लिए भी जागरुकता अभियान चला रही है।