scriptरक्षा मंत्रालय में हडक़ंप, बम का उत्पादन रुका | Defense stops production of bombs | Patrika News
जबलपुर

रक्षा मंत्रालय में हडक़ंप, बम का उत्पादन रुका

 
सुरक्षा संस्थानों में हड़ताल, करोड़ों का उत्पादन प्रभावित
 
 

जबलपुरJan 23, 2019 / 10:36 pm

gyani rajak

ofk

ofk

जबलपुर. सुरक्षा संस्थानों के जो कर्मचारी सेना के लिए बम, गोला, वाहन और तोप बनाते थे, वह बुधवार को सडक़ों पर उतर आए। अपनी मांगें पूरी नहीं होने पर उन्होंने हड़ताल का रास्ता अपनाया। 15 हजार से ज्यादा कर्मचारी लगातार तीन दिनों तक इस काम को नहीं करेंगे। इससे रक्षा मंत्रालय में हडक़ंप मच गया है। संस्थान प्रमुखों को पत्र लिखकर स्थिति की जानकारी देने के लिए कहा है। इस बीच अकेले जबलपुर में 70 करोड़ रुपए का उत्पादन प्रभावित हुआ है।
सरकार की कोर और नॉन कोर नीति और न्यू पेंशन स्कीम जैसी मांगों लेकर बुधवार से शुरू हुई हड़ताल का व्यापक असर दिखा। सुरक्षा संस्थानों में हूटर तो बजा लेकिन सेक्शन दिनभर खाली रहे। ओएफके में गोला-बारूद का उत्पादन ठप रहा। जीसीएफ में तोप और वीएफजे में सेना के वाहन नहीं बने। जीआईएफ में बमो की ढलाई के लिए भट्टी नहीं जली तो 506 आर्मी बेस वर्कशॉप में तोप और बंदूक की मरम्मत का काम बंद रहा। सीओडी में रक्षा उत्पादों का रखरखाव प्रभावित हुआ। पहले दिन ही सभी सुरक्षा संस्थानों में 60 से 70 करोड़ रुपए का उत्पादन एवं सेवाएं प्रभावित होने का अनुमान है।
तीनों महासंघ हड़ताल में शामिल

शहर की चारों आयुध निर्माणियों के तीन दिनी हड़ताल के पहले दिन कर्मचारियों ने अपने संस्थाओं से दूरी बनाकर रखी। सीओडी और 506 आर्मी बेस वर्कशॉप में कुछ सैकड़ा कर्मचारियों ने हड़ताल से हटकर प्रवेश किया लेकिन 90 से 95 फीसदी कर्मचारियों की अनुपस्थिति रही। कर्मचारी महासंघ एआईडीइएफ, बीपीएमएस और आइएनडीडब्ल्यूएफ के आह्वान पर की जा रही हड़ताल में लाल, भगवा और तीन रंग के झंडे की यूनियनों के पदाधिकारी कार्यकर्ता एवं तमाम कर्मचारी शामिल रहे। हड़ताल को लेकर कुछ जगहों पर छुटपुट वारदात हुई, बांकी आंदोलन शांतिपूर्ण रहा।
वर्कशॉप और सीओडी में झड़प

हड़ताल को लेकर कर्मचारी संगठनों के द्वारा जगह-जगह पिकेट बनाए गए। उन्होंने रातभर प्रवेशद्वार पर पहरेदारी की। जो कर्मचारी फैक्ट्री जाने के प्रयास कर रहे थे, उन्हें वहां रोका गया। हालांकि इनकी संख्या कम रही। ज्यादा विवाद 506 आर्मी बेस वर्कशॉप में देखने को मिला। यहां करीब सवा सौ कर्मचारी संस्थान में चले गए। इससे विवाद बढ़ गया। इसके बाद एआईडीइएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एसएन पाठक, आईएनडीडब्ल्यूएफ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरुण दुबे, हिन्दू मजदूर सभा के नेम सिंह के अलावा बीपीएमएस के नेताओं ने मोर्चा संभाला। इसी तरह सीओडी में जमकर हंगामा हुआ। करीब 230 कर्मचारी डिपो में चले गए। इससे कर्मचारी संगठनों ने हंगामा किया। पुलिस को बीच बचाव कर मामला शांत कराना पड़ा।
जगह-जगह हुआ प्रदर्शन

सुरक्षा संस्थान के कर्मचारियों ने जगह-जगह प्रदर्शन किया। ओएफके में लेबर यूनियन, कामगार यूनियन, सुरक्षा कर्मचारियों यूनियनों के कार्यकर्ताओं ने वेस्टलैंड, मुख्यद्वार और सात नम्बर गेट के समीप प्रदर्शन किया। जीसीएफ में श्रमिक संघ, मजदूर संघ और इंटक के कार्यकर्ताओं ने मुख्यद्वार, पश्चिम द्वार और विद्यानगर गेट पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। वीएफजे में प्रतिरक्षा मजदूर संघ, मजदूर यूनियन और राष्ट्रीय कामगार यूनियन के अलावा श्रमिक सेवा संघ के पदाधिकारियों ने हड़ताल को लेकर नारेबाजी की। जीआइएफ में मजदूर यूनियन, जनता यूनियन और इंटक से जुड़े संगठनों ने सरकार की नीतियों की भत्र्सना की। 506 आर्मी बेस वर्कशॉप में श्रमिक संघ , प्रतिरक्षा मजदूर संघ, सीओडी में भारतीय मजदूर संघ, इंटक यूनियन और डिपो कामगार यूनियन तो एमईएस में कामगार यूनियन के कार्यकर्ताओ ंने जमकर प्रदर्शन किया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो