इंदौर नगर पालिक निगम के एमआईसी मेम्बर दिलीप शर्मा सहित अन्य ने याचिकाएं दायर की हैं। इनमें कहा गया कि राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक जिला कलेक्टर ने संबंधित नगर निगम व नगर पालिकाओं की परिसीमन प्रक्रिया पूरा करने का आदेश दिया। आदेश के तहत नगर निगम में वार्डों की संख्या घटाई और बढ़ाई जा सकती थी। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आरएन सिंह ने तर्क दिया कि नियमानुसार परिसीमन के आदेश राज्य शासन की ओर से नहीं बल्कि राज्यपाल की ओर से जारी किए जाने चाहिए थे। लेकिन सरकार ने राज्य के विभिन्न जिला कलेक्टरों को सीधे परिसीमन के आदेश दे दिए। जबकि राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता शशांक शेखर व उपमहाधिवक्ता प्रवीण दुबे ने तर्क दिया कि परिसीमन के लिए राज्यपाल की शक्तियां कलेक्टर को उपार्पित की गई हैं। सुनवाई के बाद कोर्ट ने रिकॉर्ड पेश करने के लिए सरकार को मोहलत दे दी