हाईकोर्ट ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव व अन्य को दिए निर्देश
जबलपुर•Apr 06, 2021 / 08:01 pm•
prashant gadgil
OBC
जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट ने निर्देश दिए कि शहडोल मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों के वेतन से काटी गई राशि उनके परमानेंट रिटायरमेंट एकाउंट नंबर (प्रान) में जमा की जाए। जस्टिस अतुल श्रीधरन की सिंगल बेंच ने मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को निर्देश दिया कि 45 दिन में यह कार्रवाई पूरी की जाए। इस निर्देश के साथ कोर्ट ने डॉक्टर्स की याचिका का निराकरण कर दिया। शहडोल शासकीय मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में टीचर के पद पर कार्यरत डॉ रत्नेश गजभिए, डॉ सुनील तिड़के, डॉ राजेश टेम्भूर्णिकर, डॉ राजेश खरात सहित 15 मेडिकल टीचर्स की ओर से याचिका दायर की गई। अधिवक्ता आदित्य संघी ने कोर्ट को बताया कि 2004 में सरकार ने सरकारी कर्मियों के लिए नेशनल पेंशन योजना लागू की। इसके तहत हर कर्मी के वेतन से एक निश्चित राशि काटकर नियोक्ता जमा करता है व सरकार भी इसमें अंशदान देती है। यह राशि जमा रहती है और रिटायरमेंट के बाद पेंशन के रूप में ब्याज समेत मिलती है। इसके तहत हर कर्मी का एक परमानेंट रिटायरमेन्ट एकाउंट नम्बर जारी किया जाता है। याचिकाकर्ताओं के वेतन से इस योजना के तहत लगातार राशि काटी जा रही है। लेकिन यह राशि उनके पेंशन खातों में जमा न कर अन्यत्र खर्च की जा रही है। यहां तक कि याचिकाकर्ताओं के परमानेंट रिटायरमेन्ट एकॉउंट नम्बर भी जारी नहीं किया गया। इसके चलते याचिकाकर्ताओं को आयकर में भी छूट नहीं मिल रही है। उन्हें वेतन भी कम मिल रहा है। आग्रह किया गया कि याचिकाकर्ताओं के वेतन से काटी जा रही राशि के एवज में उनके पेंशन खातों में ब्याज सहित निर्धारित राशि जमा करवाई जाए। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने अनावेदकों को निर्देश देकर याचिका का पटाक्षेप कर दिया।
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