फैक्ट फाइल
– तोप में 81 प्रतिशत से ज्यादा कंपोनेंट स्वदेशी।
– एडवांस गन साइटिंग सिस्टम से लैस है तोप।
– तीन मिनट में 12 राउंड तक कर सकती है फायर।
– दिन और रात में दुश्मन पर निशाना साधने में सक्षम।
– दूसरे वाहन के सहारे 70 किमी तक प्रति घंटा की रफ्तार।
– अब तक छह तोप सेना को हो चुकी है डिस्पैच।
– 38 से 40 किमी की दूरी तक गोला दागने की क्षमता।
शारंग प्रोजेक्ट किया था शिफ्ट
धनुष तोप के उत्पादन को गति देने के कारण पूर्व के आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) ने जीसीएफ से 155 एमएम 45 कैलीबर शारंग तोप का पूरा प्रोजेक्ट वीकल फैक्ट्री जबलपुर शिफ्ट कर दिया है। जैसे ही यह प्रक्रिया प्रारंभ हुई, पुन: शहर में जनता कोरोना कफ्र्यू लागू हो गया। इसके तहत पहले 25 प्रतिशत कर्मचारियों को काम की अनुमति मिली। फिर 50 प्रतिशत। अब पूरी क्षमता के साथ कार्य प्रारंभ होने से अगस्त को छह तोप की सुपुर्दगी की योजना बनाई गई है।
वर्ष 2019 में दी थी छह तोप
जीसीएफ ने पहली बार अप्रैल 2019 में अत्याधुनिक फीचर वाली छह तोप सेना को सौंपी थी। फैक्ट्री में हुए एक समारोह में सेना और रक्षा मंत्रालय के आला अधिकारियों की मौजूदगी में इनकी सुर्पुदगी की गई थी। उस समय से एक भी तोप डिस्पैच नहीं की गई थी। देरी की वजह से प्रोजेक्ट पर सवालिया निशान उठाए जाने लग रहे थे। क्योंकि जीसीएफ को बड़ी तादाद में तोप तैयार करना है।
धनुष तोप प्रोजेक्ट पर काम तेज कर दिया है। आठ तोप असेंबल हो चुकी हैं। अगस्त तक इन तोप को सेना को सौंपने की योजना तैयार की गई है। दो तोप का परीक्षण भी बालासोर में हो चुका है।
राजेश चौधरी, महाप्रबंधक जीसीएफ