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– छह की जगह अठारह धनुष तोप बनाएगी जीसीएफ
– उत्पादन की बनायी योजना, धनुष इंटीग्रेटेड सेंटर में कार्य तेज
सेना को आधा दर्जन धनुष तोप की सुपुर्दगी के बाद गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) में नए उत्पादन की तैयारियां तेज हो गई हैं। धनुष इंटीग्रेटेड सेंटर में इसके लिए जरुरी संसाधन जुटाए जा रहे हैं। चालू वित्तीय वर्ष में फैक्ट्री पहले लॉट से डेढ़ गुना यानि 18 तोप का उत्पादन करेगी। इस बड़े लक्ष्य को पूरा करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है। कलपुर्जे के सप्लायरों से प्रबंधन सम्पर्क कर रहा है। इसमें निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के सप्लायर शामिल हैं।
सेना ने जीसीएफ को 155 एमएम 45 कैलीबर की 114 धनुष तोप का बल्क प्रोडक्शन क्लीयरेंस (बीपीसी) दिया है। इतनी तोप तय समय सीमा बनाकर देना है। आयुध निर्माणी बोर्ड के चेयरमैन ने आठ अप्रैल को जीसीएफ में हुए समारोह में इस बात का जिक्र किया था कि अब हमारे सामने छह तोप के उत्पादन को हर वर्ष 60 करने की चुनौती है। इस नई तोप में 81 फीसदी कलपुर्जे स्वदेशी हैं। आने वाले दिनों में देश में विकसित इंजन इसमें लग जाएगा, फिर यह आंकड़ा 90 फीसदी हो जाएगा।
रक्षा मंत्रालय में फीलगुड
इस प्रोजेक्ट की सफलता पर रक्षा मंत्रालय में भी उत्साह का माहौल है। इसकी वजह सेना को लम्बे समय बाद इतनी ताकतवर तोप मिलना है। यहां से लौटने के बाद सचिव (रक्षा उत्पादन) और सेना के अधिकारियों ने तोप की खूबियों के साथ ही जीसीएफ की तैयारियों की सराहना की है।
नए वित्तीय वर्ष में सेना को ज्यादा से ज्यादा धनुष तोप देने की योजना बनायी गई है। प्रयास है कि कम से कम 18 तोप तैयार की जाएं। इस कार्य में तेजी के लिए प्रोजेक्ट की नियमित समीक्षा की जा रही है।
-प्रशांत प्रसन्ना, जनसम्पर्क अधिकारी जीसीएफ