डॉग बाइट के मामले बढ़े हैं। अभी पीडि़त ज्यादा संख्या में आ रहे हैं। सभी को वैक्सीन लगे यह सुनिश्चित करने के प्रयास हैं। एंटी रैबीज वैक्सीन की उपलब्धता और आपूर्ति के लिए विभागीय स्तर पर मांग भेजी जा चुकी है।
-डॉ. मनीष मिश्रा, सीएमएचओ
difficult to get Anti rabies injection- ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीन समाप्त
Dog bite- विक्टोरिया अस्पताल में मरीजों की भीड़ बढ़ी
रेट कांट्रेक्ट में अटकी सप्लाई
जबलपुर•Aug 19, 2019 / 01:04 am•
shyam bihari
dog bite
जबलपुर। शहर में आवारा श्वानों का आतंक बढऩे के साथ ही एंटी रैबीज वैक्सीन की सरकारी अस्पतालों में कमी हो गई है। ग्रामीण क्षेत्रों की सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन समाप्त हो गई है। मंकी और डॉग बाइट के शिकार मरीज विक्टोरिया और मेडिकल अस्पताल रेफर किए जा रहे हैं। इससे जिला अस्पताल में एआरवी सेंटर में मरीजों का भार बढ़ गया है। इधर, वैक्सीन की कमी के कारण विक्टोरिया अस्पताल में भी एंटी रैबीज इंजेक्शन का कोटा घटा दिया गया है। बताया जा रहा है कि अस्पताल में सिर्फ तीन दिन की वैक्सीन का स्टॉक बचा है। अभी तक वैक्सीन की नई खेप नहीं मिली है। इससे पीडि़तों की मुसीबत बढ़ सकती है।
रेट कांट्रेक्ट में अटकी सप्लाई
जिले में सरकारी अस्पतालों में एंटी रैबीज वैक्सीन की जरुरत को लेकर स्वास्थ्य विभाग को करीब दो महीने पहले से जानकारी भेजी जा रही है। सूत्रों के अनुसार प्रदेश की नई सरकार आने के बाद वैक्सीन की खरीदी को लेकर रेट कांट्रेक्ट नहीं हो पाया है। हालात की गम्भीरता को देखते हुए कलेक्टर की ओर से भी एंटी रैबीज वैक्सीन की आपूर्ति के लिए भोपाल में अधिकारियों को पत्र भेजे गए हैं।
हर दिन लौटाए जा रहे पीडि़त
जिला अस्पताल में प्रतिदिन कई पीडि़तों को वैक्सीन लगाए बिना ही लौटाया जा रहा है। समाजसेवी विष्णु विनोदिया के अनुसार कुछ दिनों से विक्टोरिया में पनागर, सिहोरा, बरेला सहित ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में मंकी और डॉग बाइट के पीडि़त एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने के लिए आ रहे हैं। एआरवी में भीड़ बढ़ गई है। प्रतिदिन के वैक्सीन का कोटा निर्धारित होने के कारण आधे पीडि़तों को इंजेक्शन लगाए बिना ही लौटाया जा रहा है।
डॉग बाइट के मामले बढ़े हैं। अभी पीडि़त ज्यादा संख्या में आ रहे हैं। सभी को वैक्सीन लगे यह सुनिश्चित करने के प्रयास हैं। एंटी रैबीज वैक्सीन की उपलब्धता और आपूर्ति के लिए विभागीय स्तर पर मांग भेजी जा चुकी है।
-डॉ. मनीष मिश्रा, सीएमएचओ