घर पहुंचकर दी धमकी
सपाक्स की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि गोंडवाना एक्सप्रेस में अपने रिश्तेदार को छोडऩे गए छात्र पर पहले तो आरपीएफ ने फर्जी मामला बनाया और फिर एक हजार रुपए जुर्माना वसूल लिया। लेकिन जब आरपीएफ के आला अधिकारियों तक मातहतों की यह करामात पहुंचाने की कवायद शुरू हुई, तो आरपीएफ अधिकारियों और जवानों ने छात्र को धमकाया इतना ही नहीं उसका फर्जी वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी वायरल किया। यह आरोप सपाक्स पार्टी जबलपुर के नगर अध्यक्ष योगेन्द्र तिवारी व युवा इकाई के संयोजक डॉ. अजय मिश्रा ने लगाया। मामले की शिकायत गुरुवार को आरपीएफ डीआईजी को भी सौंपी गई। आईजी ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है।
किसी और ने की चेन पुलिंग
डॉ. मिश्रा ने बताया कि सात जनवरी को सलिल तिवारी प्लेटफार्म पहुंचे। इस दौरान ट्रेन में किसी ने चैन पुलिंग कर दी। सलिल ट्रेन में नहीं थे। यह पूरा माजरा आरपीएफ के उपनिरीक्षक आरएन बघेल ने भी देखा, इसके बावजूद आरपीएफ ने सलिल को पकड़ा और उसके खिलाफ चैन पुलिंग का फर्जी मामला बना दिया। आरपीएफ पोस्ट इंचार्ज वीरेन्द्र सिंह से जब मिश्रा ने शिकायत की, तो उन्होंने भी बात को अनसुना कर दिया। हालांकि सलिल ने बाद में एक हजार रुपए का जुर्माना भरा।
झूठ से बचने के लिए की ये हरकत
सपाक्स के अजय मिश्रा के अनुसार छात्र द्वारा जुर्माना भरे जाने के बाद मामले का पटाक्षेप हो गया। लेकिन झूठी कार्रवाई पर जब डॉ. मिश्रा ने इसकी शिकायत आरपीएफ डीआईजी और डीआरएम से करने की बात कही, तो दूसरे दिन आरपीएफ के जवान सलिल के घर पहुंचे और उसे डरा धमकाकर फर्जी वीडियो बना लिया। गुरुवार को सलिल व उसके परिजनों के साथ सपाक्स के पदाधिकारी व मिश्रा आईजी के पास पहुंचे, जहां सलिल और उसके परिजनों ने पूरी बात आईजी को बताई। डीआईजी ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है। ज्ञापन के जरिए घटना दिनांक को स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की जांच व दोषी आरपीएफ अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई है।