यह है मामला
जिले के समीप ग्राम खुरपा निवासी 61 वर्षीय पीके पुरोहित ने बताया कि उनके गांव की सड़क बेहद खराब है। समस्या को लेकर उन्होंने सीएम हेल्पलाइन 181 में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसका नंबर 6542703 दिया गया। शिकायत निराकरण के लिए लोक निर्माण विभाग की एल वन अधिकारी, एसडीओ सीमा सगर के कार्यालय में भेजी गई। सीमा सगर ने एक दिन उन्हें फोन करके कार्यालय बुलाया और भरोसा दिलाया कि आगामी 10 दिन में सड़क की समस्या का निदान कर दिया जाएगा। पुरोहित संतुष्ट होकर घर लौट आए। इसके करीब 15 दिन बाद एसडीओ सीमा सगर ने उन्हें पुन: फोन पर बताया कि वह मार्ग प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से बनाया जाएगा। इसका मामला सीएम ग्राम सड़क योजना के कार्यालय में भेजा गया है। यह सड़क लोक निर्माण विभाग के माध्यम से बनाई जाएगी। इस बारे में 16 अगस्त 2018 को सीएम ग्राम सड़क योजना कार्यालय से लोक निर्माण विभाग को पत्र भेजा गया।
जनसुनवाई में की अपील
लगातार भटकाव और समयावधि में समस्या का संतोषजनक निदान नहीं होने पर पुरोहित 21 अगस्त को पुरोहित जनसुनवाई में नरसिंहपुर कलेक्टर अभय वर्मा के समक्ष पहुंचे। पुरोहित के अनुसार जनसुनवाई में कलेक्टर ने उनका आवेदन लिया और उन्हें लोक निर्माण विभाग के काउंटर पर भेज दिया। लोक निर्माण विभाग के काउंटर पर कोई मौजूद नहीं था, इसलिए वे पुन: वापस कलेक्टर के पास पहुंचे और काउंटर पर किसी के मौजूद नहीं होने की जानकारी दी।
अचानक भड़क उठे कलेक्टर
पुरोहित के अनुसार उनके दोबारा वापस जाने पर कलेक्टर वर्मा भड़क उठे। उन्होंने कहा कि एक दिन में सड़क नहीं बन जाएगी। इंतजार करना पड़ेगा। पुरोहित ने उन्हें जानकारी दी कि यह शिकायत और मामला पिछले कई महीनों से लम्बित है। इतना सुनते ही कलेक्टर आवेश में आ गए और बहस करने का आरोप लगाते हुए पुलिस को बुला लिया और पुरोहित को कोतवाली थाने भेज दिया।
धारा 151 के तहत कार्रवाई
पुरोहित के अनुसार कोतवाली थाने में उन्हें शाम तक 5 बजे तक बैठाए रखा गया। बाद में धारा 151 के तहत गिरफ्तार कर एसडीएम कोर्ट ले जाया। एसडीएम कार्यालय में नहीं थे। उन्होंने फोन पर ही अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को निर्देश देकर उनका वारंट तैयार कराया और उन्हें जेल भेज दिया गया। 4 दिन तक उनकी जमानत नहीं होने दी गई। रिहा होने के बाद 25 अगस्त को पुरोहित ने घटनाक्रम की जानकारी देते हुए एसपी डीएस भदौरिया के समक्ष शिकायत दर्ज कराई।
और रो पड़े वृद्ध
रिहा होकर आए वृद्ध पुरोहित ने शनिवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। बताते हुए वे बच्चों की तरह बिलखकर रो पड़े। रोते हुए ही पुरोहित ने कहा कि उन्होंने कलेक्टर से किसी तरह की बहस या जिरह नहीं की। इसकी जांच कलेक्ट्रेट में लगे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से कराई जा सकती है। उन्होंने कहा कि धारा 151 में गिरफ्तार करके उन्हें 4 दिन तक जेल में रखा जाना अन्यायपूर्ण व अनैतिक है। यह एक तरह से लोकतंत्र का मखौल है। वहीं कलेक्टर का कृत्य एक अति महत्वपूर्ण पद की गरिमा का धूमिल करने वाला है। पूरे घटनाक्रम की न्यायसंगत ढंग से जांच करके कलेक्टर के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। इस मामले में पक्ष जानने के लिए कलेक्टर अभय वर्मा से दूरभाष पर संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि मैं मीटिंग में व्यस्त हूं। अभी कुछ नहीं कह सकता।
विधि विरुद्ध कार्य
प्रतिबंधात्मक कार्रवाई में तुरंत मुचलके पर रिहा किए जाने का प्रावधान। इस धारा में 4 दिन तक जमानत न लेना और किसी को जेल में रखना विधि विरुद्ध है। यह लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन है।
नारायण पटेल, एडवोकेट जिला अदालत