उत्तर से दक्षिण भारत के दो छोर के बीच सप्ताह में सिर्फ एक दिन एक ट्रेन चल रही है। रीवा से आकर जबलपुर होकर नागपुर के लिए सप्ताह में तीन दिन एक एक्सप्रेस चल रही है। नैनपुर-बालाघाट के रास्ते इस रेलमार्ग से रायपुर, नागपुर और बल्लारहशाह की दूरी सवा सौ से पौने तीन सौ किमी तक कम है। इसके बावजूद प्रतिदिन सुपरफास्ट-एक्सप्रेस ट्रेन तो दूर एक अदद पैसेंजर/लोकल टे्रन अभी तक शुरूनहीं की गई है। ट्रेन नहीं होने से बस के सफर में यात्रियों की जेब हल्की हो रही है।
इसलिए जरूरत है
शहर : वाया (अभी ट्रेन है) : दूरी : वाया (नया रेलमार्ग) : दूरी : सफर कम होगा
बल्लारशाह : इटारसी-नागपुर : 752 किमी : नैनपुर-गोंदिया : 482 किमी : 270 किमी
नागपुर : इटारसी-नागपुर : 543 किमी : नैनपुर-गोंदिया : 364 किमी : 175 किमी
नागपुर : इटारसी-नागपुर : 543 किमी : बालाघाट-तिरोड़ी : 380 किमी : 163 किमी
दुर्ग : कटनी-शहडोल : 555 किमी : नैनपुर-गोंदिया : 369 किमी : 186 किमी
रायपुर : कटनी-शहडोल : 518 किमी : नैनपुर-गोंदिया : 406 किमी : 112 किमी
नोट: जबलपुर से शहरों की दूरी है।
ट्रायल पर ट्रायल, लेकिन तारीख नहीं
सतपुड़ा नैरोगेज के ब्रॉडगेज बनने के बाद इस रूट पर सबसे ज्यादा इंतजार लोकल/पैसेंजर ट्रेन चलने का हो रहा है। विद्युतीकृत रेलमार्ग होने के कारण पैसेंजर की जगह मेमू टे्रन चलाने का प्रस्ताव है। मेमू का एक रैक कई महीने से नैनपुर स्टेशन पर खड़ा है। इसे गोंदिया से गढ़ा (जबलपुर) और मंडला-नैनपुर-बालाघाट-कटंगी-तिरोड़ी के बीच दौड़ाकर ट्रायल भी लिया जा चुका है। दक्षिण पूर्व मध्य रेल के अधिकारी कई बार ट्रैक का जायजा भी ले चुके हैं। लेकिन, अभी तक मेमू टे्रन चलाने पर निर्णय नहीं हो सका।
पहले चलने वाली ये दो ट्रेन भी बंद
बालाघाट-नैनपुर के ब्रॉडगेज निर्माण कार्य होने के दौरान रेलवे जबलपुर-नैनपुर-चिरईडोंगरी तक प्रतिदिन पैसेंजर ट्रेन का संचालन कर रहा था। जबलपुर-गोंदिया ब्रॉडगेज बनने के बाद मैमू सेवा शुरू करने का प्रस्ताव देकर जबलपुर-चिरईडोंगरी का संचालन बंद कर दिया गया। इस टे्रन के समय पर कुछ दिन बाद जबलपुर से चांदाफोर्ट के लिए सुपरफास्ट चलाई गई, लेकिन कोरोना बढऩे पर बंद की गई ये ट्रेन अभी तक दोबारा शुरूनहीं हो पाई है।