जिले में इस साल गेहूं की बम्पर पैदावार हुई है। समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदने के लिए 80 केंद्र खोले गए थे। इनमें 17 हजार से अधिक किसानों से 3.67 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया। यह प्रदेश के शेष्ज्ञ जिलों की तुलना में अधिक है।
ठेका फर्म ने नहीं लगाए पर्याप्त वाहन
जानकारों के अनुसार गेहूं के परिवहन के लिए पहले तो टेंडर में देरी हुई। ठेका फर्म ने भी जरूरत के हिसाब से वाहन नहीं लगाए। समय पर परिवहन नहीं होने से जिला विपणन संघ फर्म पर दो बार में 4.5 करोड़ रुपए पेनल्टी लगा चुका है। इससे किसानों को उपज के भुगतान में विलम्ब हो रहा है।
अभी तक गेहूं खरीदने के बाद उपज परिवहन के लिए तैयार होने के कुछ समय बाद किसान के खाते में राशि जमा कर दी जाती थी। इस बार भुगतान की व्यवस्था में बदलाव किया गया है। इसके अनुसार जब तक किसान का गेहूं गोदाम तक नहीं पहुंचेगा, उसके खाते में राशि जमा नहीं होगी।
जिले में कुल खरीदी पर किसानों को करीब 620 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाना है। अभी तक 550 करोड़ रुपए का भुगतान हुआ है। 70 करोड़ रुपए का भुगतान अब भी बाकी है।