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जबलपुर

Diwali 2017 celebration festival of lights ऐसे सजाएं घर को दीवाली पर चमक उठेगा कोना-कोना

सबसे ज्यादा घरेलू सामग्री की खरीदारी बड़ा फवारा, सदर गोरखपुर अधारताल रांझी क्षेत्र में हो रही है

जबलपुरOct 06, 2017 / 04:19 pm

Lalit kostha

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जबलपुर। दिवाली आने में महज 12 दिन बचे हैं। इसके लिए घरों में अभी से तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। कहीं रंगाई पुताई हो रही है तो कहीं पेंटिंग का काम चल रहा है। बाजारों में भी दिवाली को लेकर खरीदारी देखी जा रही है। खासकर घरों की सजावट के लिए सबसे ज्यादा खरीदी हो रही है। बाजारों से लोग सामान ला कर घरों को सजाने में जुटे हुए हैं। वहीं कुछ लोग घरों में अपने हाथों से बने सामान से सुंदर सा सजा कर रहे हैं। सबसे ज्यादा घरेलू सामग्री की खरीदारी बड़ा फवारा, सदर गोरखपुर अधारताल रांझी क्षेत्र में हो रही है। आइए हम ऐसे ही कुछ सजावट के सामानों की टिप्स देते हैं। जिससे दिवाली par आपका घर का कोना कोना दमक उठेगा।


बैटरी के दीए- रोशनी का त्योहार दिवाली घर को रोशन और जर्मन करने के लिए ही आता है। ऐसे में फैंसी लाइट रात को तो लगाई जा सकती है लेकिन दिन में उन्हें नहीं सजाया जा सकता। मोमबत्ती दिया जलाना भी पूरे समय संभव नहीं है। इसलिए सबसे अच्छा ऑप्शन है बैटरी वाले दिए। ये फैंसी होने के साथ ही हर कोने को धमका लेते हैं। इनकी कीमत में से 30 से ₹40 के बीच होती है और यह बाजार में आसानी से मिल भी जाते हैं। इन्हें घर लाकर आप वेस्ट कपड़े मटेरियल से भी सजा सकते हैं। इसके अलावा कैंडल को भी अपने मिट्टी के दीयों में एक लाकर लगा दें और फिर उसे जलाएं तो ज्यादा देर तक भी रोशनी दे देंगे।


अब बात प्रवेश द्वार की – अक्सर लोग बाजारों से लाए हुए तोरण लगाते हैं लेकिन इन्हें घरों में बनाया जाए तो कहीं ज्यादा सुंदर और आकर्षक होते हैं। इससे ना केवल पैसे खर्च होने से बचते हैं बल्कि हमें हमारे हुनर का भी पता चल जाता है। घर में रखे कुछ पुराने ग्रीटिंग कार्ड्स और इनविटेशन कार्ड से में देवी-देवताओं के चित्र निकाल ले। इन्हें एक लाइन में किसी पुरानी लेस जो घर पर हो उसे लगा कर सजा लें । इसके बाद इनसे तोरण बनाया जा सकता है। इसके अलावा घरों में लगे फूल आम अशोक के पत्तों से भी तोरण बनाया जा सकता है। जो प्राकृतिक तो होगा ही साथ में मंगलकारी संकेत भी होता है। इसके अलावा महिलाएं अपने लिए जो साड़ी और सूट सजाने के लिए लेस वगैरह लाती हैं। उनका भी उपयोग तोरण बनाने में किया जा सकता है।


घर के कागज से बनी लालटेन- माता लक्ष्मी को रिझाने और घर का पता बताने के लिए लोग छतों पर एक लालटेन जानते हैं। यह लालटेन चाइना मार्केट की सबसे ज्यादा आती है लेकिन हम चाइना मार्केट का उपाय काट कर रहे हैं ।तो आपने घर पर भी बना सकते हैं। हल्के कपड़े कागज और लेस के टुकड़ों से सुंदर लालटेन बनाई जा सकती है। इसके अलावा बच्चों के ड्राइंग ब्रश कलर से इन्हें सजाया जा सकता है। यह चाइना प्रोडक्ट से कहीं ज्यादा बेहतर होंगे। इसके अलावा यह इको फ्रेंडली भी होंगे है।


प्लास्टिक बोतल का लैंप- आपके घर में भी कोल्ड ड्रिंक आती होती या अन्य सामानों में आजकल को प्लास्टिक की बोतल कॉमन हो चुकी हैं। इन्हें कैंची से काट ले बोतल का ऊपरी भाग ढक्कन के साथ इस्तेमाल करें। प्लास्टिक की बोतल में एक लंबा कटर डालें और उसे बाहर की तरफ फूल सेट में पलट दें इसके बाद प्लास्टिक के फूल की पत्ती का शेप और हरी पत्ती का थोड़ा सा लेआउट बनाकर बीच में मोमबत्ती जलाएं या किसी कोने में सजाएं अथवा इसमें ढक्कन में छेद करके LED बल्ब लगाकर इसे ऊपर टांगा भी जा सकता है।


रंगोली लाजवाब – बाजार मोबाइल मिलने वाली रंगोली बहुत महंगी पड़ती है लेकिन संस्कार रंगोली सस्ती होती है और यह देसी होती है। हर बार स्टैंसिल को पकड़कर रंग बिरंगी रंगोली बनाने में जहां पूरी मेहनत लगती। वही रंग भी दोबारा इस्तेमाल करने लायक नहीं बचते हैं। इससे बेहतर है कि कार्ड बोर्ड पर रंगोली बनाकर उसे पेंट कर लें और घर सजाने उसे रंगोली की तरह इस्तेमाल करें। यह बचत तो कराएगी साथ में बच्चों के हाथ से मिलेगी भी नहीं।

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