हाइकोर्ट का सरकार को निर्देश, 27 मई को होगी बहस
जबलपुर•May 19, 2020 / 08:27 pm•
prashant gadgil
Whose legislature was lost, how did he become a minister?
जबलपुर. हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि सरकार या उसके मंत्रियों का समूह शराब ठेकेदारों की मांगों पर विचार करते हुए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की गाइडलाइन का ख्याल जरूर रखे। चीफ जस्टिस एके मित्तल व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने गाइडलाइन के हवाले से कहा कि शराब ठेकों की शर्तें लागू नहीं हो पा रही हों तो नए सिरे से ठेके जारी करने पर विचार किया जाना चाहिए। इस निर्देश के साथ कोर्ट ने मामले पर 27 मई को अंतिम सुनवाई करने का निर्देश दिया। शराब ठेकेदारों और सरकार के बीच, कोरोना लॉक डाउन में हुए घाटे और ठेके की बिड राशि को लेकर हाइकोर्ट में कानूनी लड़ाई चल रही है। मामले पर इंदौर,भोपाल और जबलपुर रीजन के शराब ठेकेदारों ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, इन पर मंगलवार को वीडियो कॉन्फेंसिंग के जरिये सुनवाई की गई। 30 शराब ठेकेदारों की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने गत सुनवाई पर राज्य सरकार के खिलाफ नोटिस जारी किया था। मंगलवार को राज्य सरकार ने अपना जवाब पेश किया। कहा गया कि सरकार ने पूरे विवाद के निपटारे के लिए मंत्रियों का एक समूह गठित कर दिया है, जो शराब ठेकेदारों की मांगों पर विचार कर रहा है।
यह है मामला
शराब ठेकेदारों ने अपनी याचिका में कोरोना लॉकडाउन के दौरान हुए घाटे का हवाला दिया है। याचिका में कहा गया है कि अब जबकि सरकार ने शराब दुकानों के खुलने का समय घटा दिया है, तो शराब ठेकेदारों से वसूली गई बिड की रकम भी घटाई जानी चाहिए। शराब ठेकेदारों की ओर से पूर्व अटॉर्नी जनरल व वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी, वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ व अधिवक्ता राहुल दिवाकर ने तर्क देते व्यापार में हुए नुकसान का हवाला दिया। आग्रह किया कि सरकार या तो ठेकेदारों की जमा राशि लौटाकर मध्यप्रदेश में शराब के ठेके नए सिरे से आवंटित करे या ठेकेदारों से ली गई बिड की राशि घटाई जाए।
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