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जबलपुर

डॉग हाउस की व्यवस्थाएं चौपट, भागने की तैयारी में डॉग

केन्द्र में डॉग रखने की समुचित व्यवस्था नहीं, बधियाकरण के बाद वहीं छोड़ दिए जाते हैं डॉग, भोजन-पानी का पता नहीं

जबलपुरOct 21, 2021 / 03:06 pm

manoj Verma

डॉग हाउस की व्यवस्थाएं चौपट, भागने की तैयारी में डॉग

केन्द्र में डॉग रखने की समुचित व्यवस्था नहीं, बधियाकरण के बाद वहीं छोड़ दिए जाते हैं डॉग, भोजन-पानी का पता नहीं

जबलपुर. नगर निगम के द्वारा कठौंदा में बनाए गए डॉग हाउस की व्यवस्थाओं ने दम तोड़ दिया है। केन्द्र में स्ट्रीट डॉग को लाया जाता है, जहां बधियाकरण के बाद उसे आसपास ही छोड़ दिया जा रहा है। इससे यह हो रहा है कि अपना स्थान छोडऩे के बाद डॉग भटक रहे हैं और कॉलोनियों में इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। लोगों का कहना है कि ये डॉग आक्रमक भी हो रहे हैं, जिनसे खतरा पैदा हो गया है। जिम्मेदारों की दलील है कि बड़ा सेटअप नहीं होने की वजह से जितनी नसबंदी की जा रही है, उससे की ज्यादा इनकी जनसंख्या बढ़ जाती है।
शहर में आवारा घूमने वाले डॉग की संख्या पर नियंत्रण करने के उद्देश्य से नगर निगम के द्वारा उनकी नसबंदी की जा रही है। इसके तहत डॉग हाउस में शहर भर से सडक़ पर घूमने वाले कुत्तों को लाया जाता है। केन्द्र में बधियाकरण के बाद उन्हें उसी स्थान पर छोड़ा जाना चाहिए लेकिन यहां यह हो रहा है कि बधियाकरण के बाद उन्हें हाउस से बाहर निकाल दिया जाता है। कुछ डॉग उसी परिसर में घूमते रहते हैं।
कम्पांउडर कर रहे ऑपरेशन
जानकारों का कहना है कि डॉग हाउस में सर्जरी मौजूद कम्पाउंडर कर रहे हैं, यहां डॉक्टर सिर्फ मौजूद रहते हैं। गौरतलब है कि केन्द्र के शुरूआत में डॉक्टर मौजूद थे लेकिन कोरोना काल में डॉक्टर नहीं थे, उसके बाद यहां पुन: डॉक्टर आए हैं।
परिसर में घूमते हैं डॉग
डॉग रखने की जगह नहीं होने की वजह से वे केन्द्र के परिसर में घूमते रहते हैं। हाल ही में यह देखने आया कि परिसर में दो-तीन कुत्ते घूम रहे थे, जो गेट के नीचे से निकलने के प्रयास में थे। इन कुत्तों की गर्दन गेट में फंस गई थी, जहां कुछ लोगों ने मदद करके उनकी गर्दन निकलवाई और उन्हें गेट के अंदर किया।
सुबह के बाद लग जाता है ताला
यह केन्द्र केवल सुबह के समय ही खुलता है। शेष समय में यहां ताला लगा रहता है। जानकार कहते हैं कि एकांत में केन्द्र होने की वजह से यहां कोई देखने नहीं आता है कि डॉग को भोजन-पानी मिल रहा है कि नहीं।
18 सर्जरी का दावा
निगम के जिम्मेदारों का कहना है कि प्रतिदिन करीब 18 सर्जरी की जा रही है। सर्जरी के बाद इन डॉग को रखा जाता है और उसके बाद उन्हें चार दिन बाद उनकी जगह पर छोड़ा जा रहा है।
ऑफ दी रेकॉर्ड : जिम्मेदारों की यह दलील है कि डॉग लवर से निगम का अमला परेशान हो गया है। कुत्तों को पकड़ते ही वे विरोध करने लगते हैं। कई बार विवाद की भी स्थिति बनी है। एेसी दशा में बधियाकरण प्रभावित हो रहा है।
ये है नियम
– डॉग हाउस में बधियाकरण के बाद चार डॉग को रखना।
– ऑपरेशन के बाद डॉग को पोस्ट केयर ट्रीटमेंट।
– डॉग को उनकी पकड़ी जाने वाली जगह पर छोडऩा।
– चार दिन तक डॉग को प्रिक्शनली भोजन देना।
– डॉग हाउस में डॉग को रखने की व्यवस्था बना ली गई है। कोरोना काल में केन्द्र बंद था लेकिन वापस शुरू हो गया है। यहां महीने में करीब छह सौ नसबंदी हो जाती है।
भूपेन्द्र सिंह, स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम

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