जानकारी के अनुसार ड्रग इंस्पेक्टर रामलखन शुक्रवार को दोपहर में मेडिकल कॉलेज के क्षेत्र में दवा दुकानों में सेनेटाइजर व मास्क की जांच करने पहुंचे। कारोबारियों के अनुसार दुकानों में तय रेट पर सेनेटाइजर बेचे जा रहे थे। आरोप है कि ड्रग इंस्पेक्टर ने अनावश्यक दबाव बनाकर 10-10 हजार रुपए की मांग की। इससे कारोबारी भड़क गए। स्थिति को भांपते हुए डीआइ मौके पर कार छोड़कर भाग गया। नेहरू नगर व्यापारी संघ के अध्यक्ष रोहित तिवारी के साथ दवा कारोबारियों ने प्रशासन और पुलिस को लिखित शिकायत की। उसके बाद एसडीएम, टीआइ, जबलपुर केमिस्ट एंड ड्रग एसेासिएशन के अध्यक्ष सुधीर बठीजा, सहित अन्य पदाधिकारी मौके पर पहुंचे।
जिले से बाहर करने की मांग
दवा कारोबारी शुक्रवार को दोपहर बाद अचानक दुकानें बंद कर अघोषित हड़ताल पर चले गए। मेडिकल सहित शहर के अन्य क्षेत्रों में दवा दुकानें बंद कर दी गई। दवा कारोबारियों में लगातार शिकायत के बावजूद ड्रग इंसपेक्टर पर कर्रवाई नहीं होने से नाराजगी थी।
23 मई को ही लिखित में मांगी थी माफी डीआइ रामलखन का विवादा से नाता रहा है। वे अनियमितता के आरोप में लॉकडाउन से पहले भी निलंबित कर डिंडोरी में अटैच किए गए थे। लेकिन कुछ दिन बाद बहाल होकर दोबारा जिले मेंआ गए। हाल ही में ग्रामीण क्षेत्र में रात के समय दवा दुकानों की जांच को लेकर चर्चा में आए थे। तब भी कारोबारियों ने रामलखन पर अवैध वसूली के आरोप लगाए थे। मामला बिगडऩे और निलंबित की स्थिति बनने पर 23 मई को दवा कारोबारियों से लिखित में माफी मांग ली थी।