एक जगह दो साल से कम अरसे तक पदस्थ रहना तबादला निरस्त करने का आधार नहीं
हाईकोर्ट ने कहा, डीएसपी की याचिका की खारिज
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जबलपुर. मप्र हाईक ोर्ट ने कहा कि एक जगह दो साल से कम पदस्थ रहना स्थानांतरण निरस्त करने का आधार नहीं हो सकता। जस्टिस नंदिता दुबे की सिंगल बेंच ने कहा कि प्रशासनिक आवश्कता पर किए गए तबादले को चुनौती नहीं दी जा सकती। इस मत के साथ कोर्ट ने रीवा जिले से सतना जिले में स्थानांतरित किए गए डीएसपी की याचिका निरस्त कर दी। मऊगंज रीवा में एसडीओपी के पद पर कार्यरत संतोष कुमार निगम की ओर से याचिका दायर की गई। कहा गया कि वे डीएसपी रैंक के अधिकारी हैं और फिलहाल मऊगंज एसडीओपी हैं। सात अगस्त 2018 को उनका तबादला पीटीएस रीवा से मऊगंज किया था। 13 अगस्त 2018 को उन्होंने वहां प्रभार सम्भाला था। लेकिन, 31 जनवरी 2020 को एक बार फिर उनका स्थानांतरण डीएसपी अजाक के पद पर सतना कर दिया गया। अधिवक्ता डीके त्रिपाठी ने तर्क दिया कि 14 फरवरी 2007 को जारी सरकार के सर्कुलर के मुताबित दो साल से पूर्व डीएसपी रैंक के अधिकारी का स्थानांतरण नहीं किया जा सकता। शासकीय अधिवक्ता मनीष वर्मा ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता का इसके पूर्व रीवा जिले के अंदर ही तबादला हुआ था, लेकिन उसके खिलाफ याचिका नहीं दायर की गई। जिले से बाहर तबादला होने की वजह से यह याचिका लगाई गई। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका निरस्त कर दी।
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