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जबलपुर

नैनपुर-गोंदिया के रास्ते रायपुर-नागपुर तक सत्तारूढ़ दल के हैं आठ सांसद-दो मंत्री, फिर भी रेल मार्ग पर यात्री ट्रेनों के लिए तरस रहे लोग

पश्चिम मध्य रेल के महाप्रबंधक के पास ही दक्षिण-पूर्व मध्य रेल (बिलासपुर जोन) के महाप्रबंधक का प्रभार
 
 

जबलपुरAug 02, 2021 / 07:44 pm

shyam bihari

-सतपुड़ा नैरोगेज के ब्रॉडगेज में बदलने के बाद भी बेहतर रेल सुविधा से लोग वंचित
-दो रेल जोन के झमेले में मप्र, छग, महाराष्ट्र के बीच नहीं बन पा रही रेल कनेक्टिविटी

जबलपुर। कहने को तो जबलपुर से नैनपुर-गोंदिया के रास्ते रायपुर और नागपुर तक आठ संसदीय संसदीय क्षेत्र हैं। ये सभी सांसद केंद्र में सत्तारूढ़ दल के हैं। इनमें दो केंद्रीय मंत्री भी हैं। इसके बाद भी जबलपुर-नैनपुर-गोंदिया रेलमार्ग गुड्स ट्रेन ट्रैक बनकर रह गया है। लम्बे इंतजार के बाद भी इस रेल रूट पर यात्री ट्रेनें नहीं दौड़ रही हैं। रेलवे ने कई शहरों के बीच नई स्पेशल ट्रेनें शुरूकी है। लेकिन, आदिवासी अंचल को जोडऩे वाले सतपुड़ा नैरोगेज के ब्रॉडगेज में बदलने के बाद भी इसका स्थानीय लोगों को फायदा नहीं मिल पाया। उत्तर भारत से दक्षिण के प्रदेशों की दूरी घटाने वाले इस रेलमार्ग पर परियोजना पूरी होने के बाद लगभग एक साल बाद भी दो साप्तहिक यात्री ट्रेन ही चल रही हैं। दो रेल जोन के झमेले में इस मार्ग के जरिए मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के बीच बेहतर रेल कनेक्टिविटी नहीं बन पा रही।
ये हैं सांसद
संसदीय क्षेत्र: सांसद
जबलपुर : राकेश सिंह
मंडला : फग्गन सिंह कुलस्ते
बालाघाट : ढालसिंह बिसेन
गोंदिया-भंडारा : सुनील बाबूराव
नागपुर – नितिन गडकरी
राजनांदगांव – संतोष पांडे
दुर्ग- विजय बघेल
रायपुर- सुनील कुमार सोनी
बिलासपुर- अरुण साव
छह साल से परेशान है बड़ी आबादी
– वर्ष 2015 में जबलपुर-बालाघाट और मंडला के बीच नैरोगेज बंद की गई थी।
– वर्ष 2019 तक नैनपुर तक ब्रॉडगेज का काम पूरा। पैसेंजर टे्रन चलने लगी थी।
– वर्ष 2020 में बालाघाट तक ब्रॉडगेज बनाने का काम लगभग पूरा हो गया था।
– वर्ष 2021 को ब्रॉडगेज के नए रेलवे ट्रैक पर टे्रनों का संचालन शुरूहो गया था।
– वर्ष 2021 में दो साप्ताहिक टे्रन चल रही है। एक लोकल ट्रेन तक अभी नहीं है।
ट्रैक की स्थिति
-236 किमी लम्बा है जबलपुर-नैनपुर-गोंदिया रेलमार्ग।
– 32 के लगभग छोटे-बड़े स्टेशन हैं इस रेलमार्ग पर।
– 01 ट्रेन (गया-चेन्नई) सप्ताह में एक दिन गुजरती है।
– 01 ट्रेन (रीवा-इतवारी) सप्ताह में तीन दिन चलती है।
– 01 ट्रेन (जबलपुर-चांदाफोर्ट) साप्ताहिक बंद है।
यात्री बस की भी बेहतर सुविधा नहीं
जबलपुर-गोंदिया के साथ ही नैनपुर-मंडला और बालाघाट-तिरोड़ी तक ब्रॉडगेज बन चुका है। इस रेलमार्ग से जुड़ा कुछ क्षेत्र अभी ऐसा है, जहां यात्री बस की भी बेहतर सुविधा नहीं है। कुछ बसें चल भी रही हैं, तो ग्रामीणों को जबलपुर, बालाघाट, गोंदिया, नागपुर, रायपुर तक जाने में ज्यादा किराया चुकाना पड़ रहा है। रेल सुविधा नहीं होने से बस संचालक मनमाना किराया वसूल रहे हैं। जबलपुर से जुड़ा यह रेलवे ट्रैक दक्षिण-पूर्व मध्य रेल के नागपुर मंडल के अधीन है। सूत्रों की मानें, तो दपूमरे के अधिकारी जबलपुर-गोंदिया रेलवे ट्रैक में ज्यादा दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। रेलमार्ग से जुड़े संसदीय क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसके कारण ट्रैक से चलाने के लिए दिए गए कुछ ट्रेनों के प्रस्ताव भी रेल कार्यालय तक जाकर अटक गए हैं। रेल मंत्रालय पैसेंजर ट्रेनों के संचालन की अनुमति दे चुका है। दपूमर रेल कोरोना काल में बंद की गई कई पैसेंजर ट्रेन शुरूकर चुका है। लेकिन, गोंदिया-जबलपुर के लिए प्रस्तावित मेमू टे्रन का एक रैक कई महीने नैनपुर स्टेशन पर शोपीस बनकर खड़ा है।

हैरानी वाली बात
-जबलपुर से नैनपुर-गोंदिया के रास्ते रायपुर और नागपुर तक आठ संसदीय संसदीय क्षेत्र हैं। ये सभी सांसद केंद्र में सत्तारूढ़ दल के नेता हैं। दो केंद्रीय मंत्री हैं।
-ट्रैक के एक छोर जबलपुर में स्थित पश्चिम मध्य रेल के महाप्रबंधक के पास ही वर्तमान में दक्षिण-पूर्व मध्य रेल (बिलासपुर जोन) के महाप्रबंधक का प्रभार है।
-शहर को छत्तीसगढ़ की राजधानी, महाराष्ट्र की उपराजधानी नागपुर और दक्षिण भारत के रेल द्वार बल्लारशाह तक जोडऩे वाला सबसे कम दूरी का रेलमार्ग है।
– दुर्ग-भोपाल के बीच चलने वाली सुपरफास्ट हमेशा फुल रहती है। ये ही जबलपुर से रायपुर जाने के लिए एकमात्र ट्रेन है। गोंदिया तक भी अभी प्रतिदिन ट्रेन नहीं है।
– रायगढ़-गोंदिया (02069/70) स्पेशल को आगे बढ़ाकर जबलपुर तक लाया जा सकता है। इससे रायपुर के साथ ही बिलासपुर की यात्रा आसान होगी।
– रेलमार्ग में जबलपुर से गोंदिया तक इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य पूरा हो चुका है। पूरा रेलमार्ग विद्युतीकृत है। बीच में पावर (इंजन) बदलने का झंझट नहीं है।
इन ट्रेनों के प्रस्ताव और जरूरत भी
– जबलपुर-नागपुर इंटरसिटी एक्स.
– जबलपुर-रायपुर ओवरनाइट एक्स.
– रायपुर-जबलपुर इंटरसिटी एक्स.
– जबलपुर-यशवंतपुर स्पेशल
– गोंदिया-नैनपुर-जबलपुर मैमू ट्रेन
– मंडला-नैनपुर-बालाघाट-तिरोड़ी मैमू
(नोट: इनमें ज्यादातर प्रस्ताव पर दपूमरे की सहमति नहीं मिल पा रही है। गोंदिया-दुर्ग के बीच व्यस्त ट्रैक और सिंगल लाइन सहित अन्य वजह से प्रस्ताव अटक गए हैं।)

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