हैरानी वाली बात
-जबलपुर से नैनपुर-गोंदिया के रास्ते रायपुर और नागपुर तक आठ संसदीय संसदीय क्षेत्र हैं। ये सभी सांसद केंद्र में सत्तारूढ़ दल के नेता हैं। दो केंद्रीय मंत्री हैं।
-ट्रैक के एक छोर जबलपुर में स्थित पश्चिम मध्य रेल के महाप्रबंधक के पास ही वर्तमान में दक्षिण-पूर्व मध्य रेल (बिलासपुर जोन) के महाप्रबंधक का प्रभार है।
-शहर को छत्तीसगढ़ की राजधानी, महाराष्ट्र की उपराजधानी नागपुर और दक्षिण भारत के रेल द्वार बल्लारशाह तक जोडऩे वाला सबसे कम दूरी का रेलमार्ग है।
– दुर्ग-भोपाल के बीच चलने वाली सुपरफास्ट हमेशा फुल रहती है। ये ही जबलपुर से रायपुर जाने के लिए एकमात्र ट्रेन है। गोंदिया तक भी अभी प्रतिदिन ट्रेन नहीं है।
– रायगढ़-गोंदिया (02069/70) स्पेशल को आगे बढ़ाकर जबलपुर तक लाया जा सकता है। इससे रायपुर के साथ ही बिलासपुर की यात्रा आसान होगी।
– रेलमार्ग में जबलपुर से गोंदिया तक इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य पूरा हो चुका है। पूरा रेलमार्ग विद्युतीकृत है। बीच में पावर (इंजन) बदलने का झंझट नहीं है।
इन ट्रेनों के प्रस्ताव और जरूरत भी
– जबलपुर-नागपुर इंटरसिटी एक्स.
– जबलपुर-रायपुर ओवरनाइट एक्स.
– रायपुर-जबलपुर इंटरसिटी एक्स.
– जबलपुर-यशवंतपुर स्पेशल
– गोंदिया-नैनपुर-जबलपुर मैमू ट्रेन
– मंडला-नैनपुर-बालाघाट-तिरोड़ी मैमू
(नोट: इनमें ज्यादातर प्रस्ताव पर दपूमरे की सहमति नहीं मिल पा रही है। गोंदिया-दुर्ग के बीच व्यस्त ट्रैक और सिंगल लाइन सहित अन्य वजह से प्रस्ताव अटक गए हैं।)