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जानकारी के अनुसार ताप विद्युत गृह संजय गांधी, सतपुड़ा और निजी स्वामित्व वाली अनूपपुर पावर प्लांट में कोयला नाममात्र का बचा है। इसके चलते उत्पादन ठप सा हो गया है। तीनों विद्युत इकाइयों की ३८९० मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता है। इन ताप विद्युत गृहों को अभी कोयला आवंटन की जल्द उम्मीद भी नहीं है। इसी तरह निजी स्वामित्व वाली सासन, महान, सिवनी सहित अन्य ताप विद्युत गृहों में कोयला सप्ताह भर का ही बचा है। तीन साल बाद प्रदेश के पावर प्लांटों में कोयले का संकट पैदा हुआ है। ऊर्जा मंत्री पारस जैन ने जल्द कोयला आवंटन के लिए कोल मिनिस्ट्री को पत्र लिखा है। जल्द कोयले का आवंटन नहीं हुआ तो प्रदेश में बिजली सप्लाई ठप करने की नौबत आ सकती है।
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इस कारण बनी स्थिति
सूत्रों के अनुसार बारिश और कई जगह बाढ़ के चलते कोल खदानों से कोयले की निकासी नहीं हो पा रही है। कई प्लांटों में उच्च क्वालिटी के कोयले को विदेशों से आयात किया जाता है। बारिश, बाढ़ व अन्य कारणों से कोयले का परिवहन नहीं हो पा रहा है।
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