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जबलपुर

सूने पड़े आंगनबाड़ी केंद्र, हाथ पर हाथ धरे बैठीं सहायिका और कार्यकर्ता

मझौली के सुनवानी और जुझारी उमरिया केंद्र में नहीं पंखे के इंतजाम

जबलपुरMay 10, 2019 / 07:47 pm

sudarshan ahirwa

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जबलपुर. तीन से छह साल की उम्र के बच्चों की पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा सम्बंधी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए खोले गए आंगनबाड़ी केंद्र शोपीस बन कर रह गए हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों में न बिजली की व्यवस्था है और न पंखों की। ऐसी स्थिति में भीषण गर्मी के दौरान नौनिहाल आंगनबाड़ी केंद्र नहीं पहुंच रहे हैं। स्थिति यह है कि 40 से 60 दर्ज संख्या वाले आंगनबाड़ी केंद्र खाली पड़े रहते हैं। गुरुवार को पत्रिका ने मझौली ब्लॉक की आंगनबाड़ी केंद्रों का जायजा लिया पूरे केंद्र खाली पड़े थे।

आंगनबाड़ी केंद्र सुनवानी
गांव में बने आंगनबाड़ी केंद्र में दर्ज बच्चों की संख्या करीब 36 है। पत्रिका टीम आंगनबाड़ी केंद्र पहुंची तो केंद्र में कोई भी बच्चा नहीं था। छोटे से कमरे में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित था। वहां न बिजली की व्यवस्था थी और न ही पंखे की। आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता किरण राजपूत का कहना था कि केंद्र में गर्मी के कारण बच्चे आते ही नहीं हैं। बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र में आने के लिए कार्यकर्ता घर-घर पहुंचती है, लेकिन कोई भी बच्चा केंद्र नहीं आता।

आंगनबाड़ी केंद्र जुझारी उमरिया
इस केंद्र की स्थिति और भी उलट थी। यहां कार्यकर्ता दुर्गा कोल आंगनबाड़ी केंद्र के बाहर बैठी हुई थीं। पत्रिका टीम के पूछने पर कार्यकर्ता ने बताया कि साहब केंद्र पक्का तो बन गया है, लेकिन यहां पर न बिजली की व्यवस्था है और न ही पंखे की। गर्मी के कारण हम खुद परेशान हैं और बाहर आकर बैठे हैं। सम्बंधित क्षेत्र में करीब 40 बच्चे दर्ज हैं।

समय बदला, फिर भी नहीं पहुंच रहे बच्चे
भीषण गर्मी को देखते हुए शासन ने आंगनबाड़ी केंद्रों का समय सुबह साढ़े 8 से कर दिया है, इसके बावजूद आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की उपस्थिति न के बराबर है।

ग्राम पंचायतों द्वारा जो भी नए आंगनबाड़ी केंद्र बनाए गए हैं, वहां बिजली की व्यवस्था ही नहीं कराई गई है। ऐसे ही केंद्रों में आंगनबाड़ी को संचालित करना पड़ रहा है। बिजली की व्यवस्था कराने के लिए ग्राम पंचायत को आवेदन दिया गया है।
राखी सैयाम, परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग मझौली

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