जबलपुर निवासी एमएस राजपूत अपने साथियों के साथ लाइट फील्ड गन की बैरल में लगे रिक्वाइल सिस्टम की जांच कर रहे थे। उसकी टेस्टिंग की जा रही थी, तभी नाइट्रोजन गैस से भरे सिलेंडर में विस्फोट हो गया। इससे उनकी दर्दनाक मौत हो गई। उनके साथ पांच कर्मचारी भी जख्मी हुए। रिक्वाइल सिस्टम से गन की बैरल को ऊपर नीचे किया जाता है। एक समय के पश्चात इसमें नाइट्रोजन गैस भरी जाती है ताकि वह पुन: ठीक से काम कर सके। इसमें गैस के साथ आइल भी होता है। विस्फोट के कारण उन्हें सिर में गंभीर चोट लगी। उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पूरा परिवार जाना चाहता था कानपुर
मृतक असिस्टेंट इंजीनियर राजपूत का मकान गढ़ा के नारायण नगर में है। उनकी पत्नी रेखा राजपूत कानपुर में ही हैं। एक बेटा विकास सिंह राजपूत जो कि हरदा में बैंक में कार्यरत है। वहीं बेटी रोमा राजपूत जिसका विवाह हो चुका है। उनके तीन भाई हैं संतोष सिंह राजपूत, अखिलेश सिंह और राजेश सिंह राजपूत। वह चारों में सबसे बड़े थे। भाई अखिलेश सिंह ने बताया कि हमने उनके रिटायरमेंट समारोह में शामिल होने के लिए कानपुर जाने की तैयारी कर रखी थी। वह जून में रिटायर हो रहे थे। रिजर्वेशन भी करवा रहे थे। लेकिन ऐसा नहीं सोचा था कि रिटायरमेंट की खुशी जगह इस दुख के लिए वहां जाना पडेग़ा। उन्होंने बताया कि बुधवार को कानपुर से लौटकर जबलपुर में अंतिम संस्कार करेंगे।
मृतक असिस्टेंट इंजीनियर राजपूत का मकान गढ़ा के नारायण नगर में है। उनकी पत्नी रेखा राजपूत कानपुर में ही हैं। एक बेटा विकास सिंह राजपूत जो कि हरदा में बैंक में कार्यरत है। वहीं बेटी रोमा राजपूत जिसका विवाह हो चुका है। उनके तीन भाई हैं संतोष सिंह राजपूत, अखिलेश सिंह और राजेश सिंह राजपूत। वह चारों में सबसे बड़े थे। भाई अखिलेश सिंह ने बताया कि हमने उनके रिटायरमेंट समारोह में शामिल होने के लिए कानपुर जाने की तैयारी कर रखी थी। वह जून में रिटायर हो रहे थे। रिजर्वेशन भी करवा रहे थे। लेकिन ऐसा नहीं सोचा था कि रिटायरमेंट की खुशी जगह इस दुख के लिए वहां जाना पडेग़ा। उन्होंने बताया कि बुधवार को कानपुर से लौटकर जबलपुर में अंतिम संस्कार करेंगे।
सन 2000 में जीसीएफ में हुआ था हादसा जबलपुर में भी जीसीएफ के सीक्यूएडब्ल्यू में भी 27 मई सन 2000 को इसी प्रकार का हादसा हुआ था। बैरल की टेस्टिंग करते समय नाइट्रोजन सिलेंडर फटा था। इस घटना में दो कर्मचारी सर्वेश्वर नाशेरी और प्रेमलाल चौधरी की दर्दनाक मौत हो गई थी। वहीं पांच कर्मचारियों को गंभीर चोट आई थीं।
जबलपुर आने लगाई थी कई अर्जिया एमएस राजपूत के परिजनों ने बताया कि उन्होंने रोटेशनल ट्रांसफर के तहत जबलपुर आने के लिए कई अर्जियां लगाई थी लेकिन मंजूरी नहीं दी। कुछ समय पहले भी उन्होंने अर्जी दी थी। राजपूत पहले जीसीएफ के सीक्यूएडब्ल्यूए और एसक्यूएई (ए) में पदस्थ रहे। इस खबर से उनके साथी भी दुखी हैं।