आईआईटी इंदौर के इंजीनियरों की टीम जबलपुर आने वाली है। डुमना नेचर रिजर्व में सर्वे के बाद टीम रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। उसके बाद नगर निगम की ओर से सेंटल जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया नई दिल्ली को प्रस्ताव भेजा जाएगा। सीजेडएआई की टीम के निरीक्षण के बाद टाइगर सफारी पर अंतिम मुहर लग सकेगी। रेल, सड़क व हवाई मार्ग के माध्यम से जबलपुर होकर कान्हा, बांधवगढ़ नेशनल पार्क के पर्यटक आते-जाते हैं। इसलिए जबलपुर में टाइगर सफारी को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
40 हेक्टेयर क्षेत्र में सफारी
डुमना नेचर रिजर्व में 40 हेक्टेयर क्षेत्र में टाइगर सफारी प्रस्तावित है। ह्वाइट टाइगर सफारी मुकुंदपुर के कंसल्टेंट मुकेश दुबे सहित अन्य विशेषज्ञों ने मौका मुआयना किया है। जबकि, टाइगर रिजर्व के अनुभव वाले रिटायर वन अधिकारी आरपी सिंह से भी परामर्श लिया जा रहा है। राज्य वन अनुसंधान संस्थान ने वन्य प्राणी, वृक्ष व घास प्रजातियों, पक्षियों की रिपोर्ट के साथ एयर एवं गैस पाल्युशन की रिपोर्ट सौंपी है। आईआईटी के इंजीनियरों से विशेष तौर पर एयरपोर्ट के समीप टाइगर सफारी बनाने के लिए सर्वे कराया जा रहा है।
40 हेक्टेयर क्षेत्र में सफारी
डुमना नेचर रिजर्व में 40 हेक्टेयर क्षेत्र में टाइगर सफारी प्रस्तावित है। ह्वाइट टाइगर सफारी मुकुंदपुर के कंसल्टेंट मुकेश दुबे सहित अन्य विशेषज्ञों ने मौका मुआयना किया है। जबकि, टाइगर रिजर्व के अनुभव वाले रिटायर वन अधिकारी आरपी सिंह से भी परामर्श लिया जा रहा है। राज्य वन अनुसंधान संस्थान ने वन्य प्राणी, वृक्ष व घास प्रजातियों, पक्षियों की रिपोर्ट के साथ एयर एवं गैस पाल्युशन की रिपोर्ट सौंपी है। आईआईटी के इंजीनियरों से विशेष तौर पर एयरपोर्ट के समीप टाइगर सफारी बनाने के लिए सर्वे कराया जा रहा है।
10 करोड़ रूपए बजट का प्रावधान
वित्तमंत्री तरूण भनोत ने वर्ष 2019-20 के अंतर्गत जबलपुर में टाइगर सफारी के लिए १० करोड़ रूपए का प्रावधान कराया था लेकिन अनुमति के इंतजार में कार्य प्रारम्भ नहीं हो सका। वन्य प्राणियों की बाहुल्यता वाले शहर में रेस्क्यू सेंटर भी बनाने की योजना है। वर्ष 2016 में ही टाइगर सफारी बनाने की सुगबुगाहट शुरू हुई थी। शुरूआती दौर में नगर निगम की भूमि डुमना नेचर रिजर्व में वन विभाग को टाइगर सफारी बनाने के लिए भूमि हस्तांतरण का पेंच फंस गया था। फिलहाल नगर निगम में ही टाइगर सफारी की फाइल आगे बढ़ रही है। भोपाल एवं जबलपुर में इसकी बैठकें भी की जा रही है।
टाइगर सफारी के लिए आईआईटी इंदौर के इंजीनियरों की टीम आने वाली है। एयर इम्पैक्ट सर्वे के बाद सेंट्रल जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया को प्रस्ताव भेजा जाएगा। टाइगर सफारी के लिए सक्रियता के कार्य किया जा रहा है।
रोहित सिंह कौशल, अपर आयुक्त नगर निगम
वित्तमंत्री तरूण भनोत ने वर्ष 2019-20 के अंतर्गत जबलपुर में टाइगर सफारी के लिए १० करोड़ रूपए का प्रावधान कराया था लेकिन अनुमति के इंतजार में कार्य प्रारम्भ नहीं हो सका। वन्य प्राणियों की बाहुल्यता वाले शहर में रेस्क्यू सेंटर भी बनाने की योजना है। वर्ष 2016 में ही टाइगर सफारी बनाने की सुगबुगाहट शुरू हुई थी। शुरूआती दौर में नगर निगम की भूमि डुमना नेचर रिजर्व में वन विभाग को टाइगर सफारी बनाने के लिए भूमि हस्तांतरण का पेंच फंस गया था। फिलहाल नगर निगम में ही टाइगर सफारी की फाइल आगे बढ़ रही है। भोपाल एवं जबलपुर में इसकी बैठकें भी की जा रही है।
टाइगर सफारी के लिए आईआईटी इंदौर के इंजीनियरों की टीम आने वाली है। एयर इम्पैक्ट सर्वे के बाद सेंट्रल जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया को प्रस्ताव भेजा जाएगा। टाइगर सफारी के लिए सक्रियता के कार्य किया जा रहा है।
रोहित सिंह कौशल, अपर आयुक्त नगर निगम