डेकोर सेक्टर- घर से ही प्रोडक्शन
डेकोरेटिव आइटम्स बनवाना और उन्हें विभिन्न मेलों और अन्य माध्यमों से सेलिंग करना। यह काम भी शहर में किया जा रहा है। अनुज्ञा गुप्ता ने हैंडीक्राफ्ट आइटम्स सेक्टर में अलग पहचान बनाई है। हैंडमेड आइटम्स घर में ही बनवाकर उन्हें शहर एवं अन्य शहरों में सेल करती हैं। अनुज्ञा ने बताया कि उन्होंने अपने अंडर तकरीबन 15 लोगों को रोजगार दिया है, जो कि उनके घर में आकर आइटम्स बनाते हैं। अनुज्ञा ने बताया कि लोग अपने घरों को सजाने के लिए नई-नई चीजें खरीदना पसंद करते हैं, इसलिए यह बिजनेस शहर में अ’छा चल रहा है।
शहर में गारमेंट सेक्टर का काम बहुत अधिक चल रहा है। इसमें महिलाएं भी पीछे नहीं है। फैशन को ध्यान रखते हुए महिलाएं Óयादातर गारमेंट सेक्टर से जुड़ नहीं हैं। इसका बेहतर उदाहरण हर्षिता झांगयानी हैं। उन्होंने बुटिक से काम की शुरुआत की, लेकिन अब वे डिजाइनिंग और मैन्युफैक्चरिंग का काम कर रही हैं। उन्होंने कई महिला पुरुषों को अपने अंडर रोजगार दिया है। इसके साथ ही वे प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत युवाओं को स्किल्ड बनाने का काम कर रही हैं।
भावना मदान ने 7 साल पहले फूड इंडस्ट्री डाली। उन्होंने छोटे स्तर पर बिजनेस की शुरुआत की, अब उनका व्यापार जबलपुर ही नहीं, पूरे संभाग में फैल चुका है। इसका क्रेडिट वे अपने अधीनस्थ काम करने वाली महिलाओं को देती हैं। उन्होंने उन महिलाओं को स्किल्ड बनाया, जिन्हें काम के बारे में कुछ भी नहीं पता था, लेकिन अब वे मैनेजिंग से लेकर सेलिंग और पैकेजिंग हर तरह का नॉलेज रख रही हैं। भावना ने अकेले काम की शुरुआत की और वर्तमान में वे बीस महिलाओं को रोजगार दे रही हैं। उनका कहना है कि लघु उद्योग खोल कर खुद की पहचान बनाई, वहीं आर्थिक परिस्थितियों से जूझ रही महिलाओं को भी रोजगार के मौके दिए।
गुणवंती वीरा ने नीटिंग के काम से स्वरोजगार की एक छोटी सी शुरुआत की थी। उस वक्त उनके पास केवल चार महिलाएं ही थीं। काम को सफलता मिलती गई तो बिजनेस को और बढ़ा लिया। गुजराती तोरण, बैग्स सहित अन्य का काम भी शुरू किए। वर्तमान में 18 से 20 महिलाओं को काम दिया है, जो कि रोजाना आकर काम क ले जाती हैं और कुछ दिन में पूरा करके लाती हैं। इस तरह इस फील्ड से खुद के साथ-साथ औरों का भी भला हुआ है।