नक्शों में शाब्दिक एवं अंक के अलावा कई तरह की गल्तियां हैं। ऐसे में लोगों को बड़ी परेशानियां उठानी पड़ती हैं। ज्यादातर नक्शे ऐसे हैं जो कि खसरों से लिंक नहीं हैं। जब जमीनों की खरीदी-बिक्री के अलावा सीमांकन का काम कराया जाता है तो ये गल्तियां सामने आती हैं। इन्हें अब सुधारा जाएगा। एक बड़ा परिवर्तन यह होगा कि अब नक्शों का नंबर अंक और शब्द से मिलकर नहीं बल्कि केवल अंकों में होगा।जिले के पटवारियों को नक्शों में सुधार करवाना है। जिले की सभी 10 तहसीलों में यह काम होगा। एक भी तहसील ऐसी नहीं है, जहां पर नक्शों में त्रुटि नहीं हो। सुधार के बाद उन्हें भू लेख पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा ताकि सारा डाटा ऑनलाइन हो सके। भू अभिलेख विभाग को एनआइसी के साफ्टवेयर से नक्शा-खसरा संबंधी डाटा मिला था, लेकिन अब यह साफ्टवेयर बंद हो गया है। ऐसे अब जो गड़बडियां थी, उन्हें सुधारा जा रहा है।
खसरों से नहीं हैं लिंकशहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के नक्शों में सबसे ज्यादा त्रुटि खसरों का नक्शों से लिंक नहीं होना है। इनकी संख्या 2 लाख से अधिक है। 15 सौ से ज्यादा डुप्लीकेट नक्शे हैं। 6 हजार 700 से अधिक नक्शों में शाब्दिक गल्तियां हैं। अब उन्हें अंकों में बदला जाएगा। 9 सौ नक्शे एक दूसरे से क्लब हो गए हैं। अब उन्हें अलग किया जाएगा।
जल्द शुरू होगा सुधार
बड़ी मात्रा में नक्शों में त्रुटियां होने के कारण इन्हें पखवाड़ा के तहत सुधारा जाएगा। इसकी शुरूआत एक सितंबर से हो सकती है। इसमें लोगों से आवेदन भी लिए जाएंगे। वे बताएंगे कि उन्हें किस प्रकार की परेशानी हाेती है। अभी पटवारी अपने-अपने हल्कों के नक्शों का सत्यापन कर रहे हैं। फिर इसे अपलोड कराया जाएगा।
कहां कितनी त्रुटियांतहसील- — कुल त्रुटियां
कुंडम 27892पाटन 38520
शहपुरा 55335पनागर 22278
गोरखपुर 15168रांझी 11262
सिहोरा 27968मझौली 45354
जबलपुर 29855अधारताल 19444
वर्जन…..
जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में नक्शों में तमाम प्रकार की त्रुटियों को सुधार करवाया जाना है। इसके लिए शासन से कार्यक्रम भी तय है। अभी नक्शों से जुड़ी त्रुटियों को संग्रहीत किया जा रहा है।ललित ग्वालवंशी, अधीक्षक, भू अभिलेख कार्यालय