प्रेमी-प्रेमिका की हत्या कर शव को नर्मदा में बहाने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी तो दूर पुलिस उनका सुराग तक नहीं लगा पाई है इन 35 दिनों में। इतना ही नहीं बरेला पुलिस व क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीमें अब तक घटनास्थल का पता नहीं लगा पाई हैं, जहां दोनों की हत्या कर शवों को ठिकाने लगाया गया था। मामले की विवेचना के दौरान पुलिस को ऑनर किलिंग के संकेत मिले थे लेकिन युवक-युवती पक्ष के लोगों से फौरी तौर पर की गई पूछताछ में कोई सुराग नहीं मिल पाया। इधर, दरोगाघाट से गौर जमतरा तक पुलिस ने नर्मदा में गोताखोर उतारे, पर युवक की बाइक का भी कोई पता नहीं चल पाया, जबकि इस कार्य में पुलिस ने एनडीआरएफ तक को लगाया था।
पुलिस की विवेचना में यह जानकारी भी सामने आई है कि 6 नवंबर को युवक अपने रिश्तेदार की बाइक लेकर घर से निकला, कुछ देर बाद उसने अपने किसी परिजन को फोन कर बताया कि वह युवती के साथ तिलवारा में है तथा दोनों आत्महत्या करने जा रहे हैं। यह जानकारी सामने आने के बाद पुलिस ने तिलवारा क्षेत्र में भी सर्च अभियान चलाया लेकिन दोहरे हत्याकांड का कोई सुराग हाथ नहीं लगा। पुलिस का कहना है कि यदि युवक व युवती की हत्या तिलवारा क्षेत्र में की जाती तो नर्मदा के बहाव के विपरीत ग्वारीघाट दरोगाघाट में शव कैसे पहुंचता। इधर, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों की हत्या की जानकारी सामने आई थी।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस दोहरे हत्याकांड में ऑनर किलिंग की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। लेकिन दोनों पक्ष के लोगों के बयान व तकनीकी विवेचना में अब तक कोई सबूत नहीं मिल पाया है। घटनास्थल का पता चलने के बाद इस मामले में कोई सुराग मिल सकता है। वहीं जान गंवाने वाले युवक से कुछ अपराधी गुटों से विवाद का खुलासा भी हुआ है। पुलिस ने कुछ शातिर अपराधी गुटों से पूछताछ भी की लेकिन हत्याकांड का सुराग नहीं मिला।