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जबलपुर

बाहर से आए श्रमिकों को रोजगार देने की कवायद शुरू

-मजदूरों से मांगे गए आवेदन-बाहर से आए श्रमिकों का डॉटा बेस भी होगा तैयार

जबलपुरMay 28, 2020 / 02:30 pm

Ajay Chaturvedi

Migrant Laborers

Migrant Laborers

जबलपुर. दूसरे जिले व प्रांत से आए मजदूरों को काम देने की कवायद शुरू कर दी गई है। फिलहाल मजदूरो से आवेदन मांगे जा रहे हैं। यही नहीं मध्य प्रदेश सरकार ने बाहर से आए मजदूरों का डॉटा बेस बनाने की प्रक्रिया भी आरंभ कर दी है। एनआईसी के माध्यम से यह डॉटा बेस तैयार किया जाएगा। इसके लिए एप व पोर्टल लांच किया गया है।
दूसरे प्रांतों व जिलों से आने वाले मजदूरों को काम देना सरकार व जिला प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। ऐसे में मध्य प्रदेश सरकार के आह्वान पर जिलों में अब तक आए मजदूरों से आवेदन आमंत्रित करने का काम शुरू कर दिया गया है। जबलपुर में यह प्रक्रिया बुधवार से आरंभ की गई है। पहले दिन ही सौ से ज्यादा मजदूरों ने आवेदन भी कर दिया है।
नगर निगम की उपायुक्त व नोडल अधिकारी अंजू सिंह के अनुसार सभी जोनल कार्यालयों में श्रमिकों का पंजीयन किया जाएगा। संभागीय अधिकारी व उनके सहयोगी कर्मचारियों को इसके लिए लगाया गया है। उन्होंने बताया कि पंजीयन कराने के लिए श्रमिकों को निर्धारित बिंदुओं पर जानकारी देनी होगी। मसलन वह असंगठित क्षेत्र में नियोजित हैं।
असंगठित कर्मकार कल्याण अधिनियम 2003 के तहत पात्रता रखते हैं। किसी भी नौकरी में सामाजिक सुरक्षा हित-लाभ जैसे भविष्य निधि प्राप्त हो तो उसे भी बताना होगा। अंजू सिंह के मुताबिक इस योजना में आवेदन करने की अनिवार्य शर्त है कि संबंधित के पास एक हेक्टेयर से ज्यादा जमीन नहीं होनी चाहिए। इस बाबत श्रमिक को स्व घोषित शपथ पत्र भी देना होगा।
उधर प्रवासी मजदूरों के पंजीयन, सत्यापन और सर्वे का काम भी बुधवार से आरंभ हो गया है। इसके लिए एनआईसी ने संबल एप और पोर्टल तैयार किया है। सर्वे कर रहे कर्मचारी मोबाइल एप या पोर्टल पर डाटा अपलोड करना होगा। एक मैनुअल फार्मेट भी होगा। एनआईसी की ओर से बनाए गए एप व पोर्टल पर सर्वे करने वाले कर्मचारी श्रमिकों का नाम, मूल आवास, समग्र आईडी आदि भरेंगे। सर्वे के आधार पर प्रदेश सरकार प्रवासी श्रमिकों के कल्याण के लिए योजना बनाएगी। अभियान के तहत जिला प्रशासन प्रवासी मजदूरों का संबल योजना और श्रम कर्मकार मंडल की योजना के तहत पंजीयन करेगा।

“प्रवासी श्रमिकों के पंजीयन, सर्वे और सत्यापन में संबल एप का उपयोग किया जा रहा है। पोर्टल पर भी जानकारी भरी जा रही है। जल्द ही इसका डैश बोर्ड भी बनाया जाएगा जिससे जिला स्तर पर मानीटरिंग की जा सके।” आशीष शुक्ला, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी

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