मरीजों से लेता था इलाज कराने के नाम पर पैसे, गढ़ा थाने में केस दर्ज
मेडिकल में खुद को डॉक्टर बताकर वसूली करता था 10वीं पास युवक
मेडिकल सुरक्षा एजेंसी के विकास नायडू ने बताया कि बहुत समय से एक युवक पर सुरक्षा गार्ड नजर रखे हुए थे। वह रोजाना स्टेथिस्कोप पहनकर मेडिकल पहुंचता था। पीजी स्टूडेंट होने के भ्रम के कारण लोगों का भी ध्यान नहीं जाता था। उसकी हरकतों को देखकर लंबे समय से नजर रखी जा रही थी। शुक्रवार को सूचना मिली कि ओपीडी नंबर 4 में उक्त युवक सनी चक्रवर्ती मरीजों का इलाज कर रहा है। सुरक्षा एजेंसी के गौरव जैन, पंकज दुबे और जितेंद्र ङ्क्षसह के साथ ओपीडी नंबर 4 पहुंचकर देखा तो युवक मरीजों का इलाज कर रहा था, जिसे पकडकऱ मेडिकल के किस विभाग में होने की बात पूछी गई तो वह घबरा गया। जब डिग्री मांगी गई तो वह झल्ला उठा,सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह डॉक्टर नहीं है वसूली करने के लिए फर्जी डॉक्टर बनकर मेडिकल अस्पताल पहुंचता था।
पकड़े गए फर्जी डॉक्टर के मामले में खुलासा हुआ कि मरीजों को इलाज के नाम पर ठगी करने के गोरखधंधे में सोनू चौधरी भी शामिल है। जो फर्जी वार्ड ब्यॉय बनकर मरीजों के परिजनों से मिलता था और उन्हें उचित और जल्दी इलाज का आश्वासन देकर उनसे पैसे ऐंठता था।
9500 रुपए बरामद
उक्त युवक के पास से जांच में 9 हजार 500रुपए बरामद हुए। ऐसी भी आशंका व्यक्त की गई है कि कहीं यह पैसा उसने मरीजों को ठग कर कमाया तो नहीं है। जानकारी के अनुसार पूछताछ में उसने इसे अपना पैसा होना बताया है। मामले की जानकारी लगने पर मेडिकल अस्पताल अधीक्षक डॉ. अरङ्क्षवद शर्मा ने गढ़ा थाने में मामला दर्ज कराया। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर पत्तासाजी करने में जुटी है।