जबलपुर. Fake Remdesivir Injection Case के चार आरोपियो को आखिरकार जबलपुर लाने में पुलिस व एसआईटी को सफलता मिल गई है। देर रात लाए गए इन आरोपियों से अब एसआईटी उन तमाम सवालों को उगलवाएगी जिसकी इस महत्वपूर्ण और हाईप्रोफाइल केस में अब तक अनसुलझे हैं, अनुत्तरित हैं। ं
बता दें कि गुजरात से लाए गए इन सभी चार आरोपियों पर जबलपुर के ओमती थाने में भी केस दर्ज है। अब एससआईटी ने इन्हें प्रोडक्शन वारंट पर लाया गया है। हालांकि इससे पहले भी दो बार एसआईटी ने यह प्रयास किया था लेकिन तब पुलिस को अपने मकसद में सफलता नहीं मिल पाई थी। लेकिन इस बार एसआईटी सफल रही और बुधवार व गुरुवार की तार करीब एक बजे सभी आरोपियों के साथ टीम जबलपुर पहुंच गई।
एसआईटी प्रभारी एएसपी रोहित काशवानी बताते हैं कि ओमती थाने में दर्ज नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में 10 लोगों को आरोपी बनाया गया है। पांच आरोपी सिटी अस्पताल का संचालक सरबजीत मोखा, उसकी पत्नी सिमरत कौर, मैनेजर सोनिया खत्री, बेटा हरकरण, दवा कर्मी देवेश चौरसिया और एमआर राकेश शर्मा को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। चार अन्य आरोपी जबलपुर अधारताल निवासी दवा फार्मा के संचालक सपन जैन, मामले में मध्यस्थता करने वाला रीवा निवासी सुनील मिश्रा, नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाली कंपनी के डायरेक्टर कौशल बोरा और पुनीत शाह गुजरात के मोरबी जेल में बंद थे। पूर्व में चारों को इंदौर फिर सूरत की पुलिस ने रिमांड के लिए लिया था, जबकि जबलपुर की एसआईटी ने दो बार लाने का प्रयास किया था।
आरोपियों को गुजरात से लाने घमापुर टीआई दिलीप श्रीवास्तव की अगुवाई में 10 सदस्यीय टीम दो वाहनों से गई थी। सड़क मार्ग से चारों आरोपियों को प्रोडक्शन वारंट पर खुद लेकर जबलपुर पहुंची। चारों आरोपियों को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहां से चारों को पांच दिन की रिमांड पर लेने की कोशिश में एसआईटी टीम है। एसआईटी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक जरूरत पड़ी तो सिटी अस्पताल के दवा कर्मी देवेश और मोखा को भी फिर से रिमांड पर लिया जा सकता है।
एसआईटी नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने वालों की पूरी कड़ी जोड़ने में जुटी है। कैसे गुजरात के मोरबी से नकली रेमडेसिविर इंदौर लाए गए। इसके बाद उसे अम्बे ट्रांसपोर्ट के माध्यम से जबलपुर लाया गया। इंदौर में ही एमआर राकेश शर्मा से सपन की कब और क्या बात हुई थी? सपन को सुनील मिश्रा का नंबर देवेश या मोखा में किसने दिया था? या फिर उसी ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराने के लिए मोखा से संपर्क किया था। चारों के बयान और पूर्व में गिरफ्तार हो चुके आरोपियों के बयान को क्राॅस चेक किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो आरोपियों को आमने-सामने बिठाकर भी पूछताछ की जा सकती है।
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