जबलपुर में अब पकड़ी गई नकली टीवी की फैक्ट्री, थोक में मिले टीवी सेट
शांति नगर जैन मंदिर के पास सालों से चल रहा था कारखाना, आरोपी से पूछताछ कर रही पुलिस
Fake TV factory now caught in Jabalpur, TV sets found in bulk
जबलपुर। नॉन बांडेड टीवी को ब्रांडेड बनाने का कारखाना शहर में सालों से संचालित हो रहा था। कारखाने में बनाई गई नकली टीवी को कारखाना संचालक सचिन जैन असली टीवी से थोड़े कम दामों में दुकानों और लोगों को बेचता था। वह सामान्य टीवी को इतनी सफाई से ब्रांडेड टीवी बना देता था कि कोई उसे पकड़ नहीं पाता था। शुक्रवार को एएसपी अमित सिंह और सीएसपी अखिलेश गौर समेत अन्य की टीम ने शुक्रवार को कारखाने पर छापा मारा, तो इसका खुलासा हुआ। पुलिस ने मौके से एक सैकड़ा से अधिक नॉन बांडेड टीवी जब्त किए, जिन्हें ब्रांडेड बनाने की तैयारी की जा रही थी। संचालक को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
पुराने घर में कारखाना, नए में गोदाम
सीएसपी अखिलेश गौर ने बताया कि पुलिस ने सचिन के शांति नगर जैन मंदिर के पीछे स्थित घर पर दबिश दी। वह पुराना घर था। जहां सचिन ने कारखाना बना रखा था। टीम वहां पहुंची, तो देखा कि वह पांच नॉन ब्रांडेड टीविओं को ब्रांडेड टीवी बना रहा था। टीम ने उसे रंगेहाथ दबोचा। जांच के दौरान उसके नए मकान में दबिश दी गई, तो पता चला कि नए मकान को उसने गोदाम बनाकर रखा था। वहां विभिन्न ब्रांडेड कंपनियों के नकली टीवी रखे थे।
दस साल से अधिक से धंधा
सीएसपी गौर ने बताया कि प्राथमिक पूछताछ में आरोपी सचिन ने खुलासा किया कि वह पिछले दस सालों से यह धंधा कर रहा है। वह पहले ट्यूब वाले टीवी में यह गड़बड़झाला करता था और फिर उनके बंद हो जाने के बाद उसने एलसीडी और एलईडी में यह काम करना शुरू किया।
घर में ही बनाता था रैपर
किसी को उस पर शक न हो, इसलिए आरोपी सभी ब्रांडेड कंपनियों के टीवी के रैपर भी घर में ही तैयार करता था। वह कार्टबोर्ड को स्वयं मोड़ता और फिर नामी कंपनियों के ब्रांड की कलर फोटोकॉपी निकालकर उसे रैपर में चिपका देता था। मौके से रैपर भी जब्त किए गए हैं।
नकली टीवी में पायरेटेड साफ्टवेयर
सचिन बड़े ही शातिराना अंदाज में यह धंधा कर रहा था। वह दिल्ली से सामान्य टीवी खरीदकर शहर लाता और फिर उनमें ब्रांडेड कंपनी के टीवी के साफ्टवेयर बड़ी ही सफाई से अपडेट कर देता था। सभी नामी कंपनियों के सभी ब्रांड के टीवी के साफ्टवेयर उसके पास पेनड्राइव में रहत थे। वह टीवी पर असली जैसे दिखने वाले कंपनी के नाम के नकली स्टीकर भी स्वयं ही चिपकाता था। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि कंपनी के साफ्टवेयर उसे कौन देता था।
इलेक्ट्रिशियन और एकाउंटेंट भी
सचिन के इस फर्जीवाड़े का धंधा जबलपुर समेत आसपास के कई जिलों में फैला था। वह छोटी से लेकर बड़ी दुकानों और शोरूमों तक को टीवी सप्लाई करता था। वह अधिक से अधिक नकली ब्रांडेड टीवी बना सके इसके लिए उसने अपने कारखाने में पांच इलेट्रिशियन और रुपयों के लेनदेन का हिसाब रखने के लिए एक एकाउंटेंट भी रखा था। पुलिस इनसे भी जल्द पूछताछ करेगी।
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