आयुष्मान भारत अस्पताल के भवन मालिक ने कार्यपूर्णता के लिए नगर निगम में आवेदन दिया था। भवन मालिक ने मानचित्र के साथ भवन अनुज्ञा पत्र संलग्न नहीं किया था। इस कारण नगर निगम ने आवेदन निरस्त कर दिया था। सीएमएचओ ने कार्यपूर्णता सर्टिफिकेट की अधिकृत कॉपी के स्थान पर फोटोकॉपी को मान्य कर लिया जबकि ओरीजनल कॉपी रिकॉर्ड में है ही नहीं। फायर सेफ्टी के बिना अस्पताल संचालन की अनुमति देने से मरीजों और उनके परिजनों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
इधर कोर्ट ने पूछा- कोविड योद्धा कल्याण योजना का क्यों नहीं दे रहे लाभ?
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कोविड योद्धा कल्याण योजना का लाभ न मिलने के रवैये को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब-तलब किया। चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस पुरुषेंद्र कुमार कौरव की युगलपीठ ने राज्य शासन, प्रमुख सचिव राजस्व व कलेक्टर मंडला सहित अन्य को नोटिस जारी किए। बिछिया मंडला निवासी अरीना पटेल की ओर से अधिवक्ता रवींद्र श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता का पति रामस्वरूप पटेल जिला चिकित्सालय, मंडला में सुरक्षा के लिए होमगार्ड बतौर पदस्थ थे। नौकरी के दौरान वे कोरोना संक्रमित हो गए। इलाज के बावजूद बचाया न जा सका। कोविड योद्धा कल्याण योजना के तहत याचिकाकर्ता को 50 लाख रुपए मिलने चाहिए। लेकिन, आवेदन के बावजूद राशि अप्राप्त है। फ्रंटलाइन वर्कर के परिवार को प्रावधान के बावजूद लाभ न दिए जाने से योजना की मूलभूत मंशा कठघरे में चली गई है।