scriptमप्र में जुगाड़ से चल रहे ये नामी अस्पताल, अनफिट भवनों में ले ली संचालन की अनुमति | famous hospitals running with unfit building in mp | Patrika News

मप्र में जुगाड़ से चल रहे ये नामी अस्पताल, अनफिट भवनों में ले ली संचालन की अनुमति

locationजबलपुरPublished: Jan 26, 2022 11:40:47 am

Submitted by:

Lalit kostha

हाईकोर्ट ने पूछा – अनफिट भवनों में अस्पताल संचालन के लिए पंजीयन कैसे दे दिया?
 

hospital.jpg

famous hospitals running with unfit building in mp

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर जवाब मांगा कि मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी जबलपुर की ओर से अनफिट भवनों में अस्पताल संचालन के लिए पंजीयन कैसे प्रदान किया गया। चीफ जस्टिस रवि मलिमठ एवं जस्टिस पुरुषेन्द्र कौरव की खंडपीठ ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव, नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं, नगर निगम आयुक्त और सीएमएचओ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी। लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन मध्यप्रदेश के अध्यक्ष विशाल बघेल ने याचिका दायर कर बताया कि आयुष्मान भारत अस्पताल करमेता, शीतल छाया अस्पताल एवं जबलपुर पब्लिक हेल्थ केयर सेंटर मल्टीस्पेशिलिटी अस्पताल के पास मप्र नगर विकास एवं आवास विभाग से बिल्डिंग कंपलीशन सर्टिफिकेट नहीं मिला था। इसके अलावा इन्हें फायर एनओसी भी नहीं मिली थी। इसके बावजूद सीएमएचओ ने मनमाने ढंग से इन अस्पतालों का पंजीयन कर दिया।

आयुष्मान भारत अस्पताल के भवन मालिक ने कार्यपूर्णता के लिए नगर निगम में आवेदन दिया था। भवन मालिक ने मानचित्र के साथ भवन अनुज्ञा पत्र संलग्न नहीं किया था। इस कारण नगर निगम ने आवेदन निरस्त कर दिया था। सीएमएचओ ने कार्यपूर्णता सर्टिफिकेट की अधिकृत कॉपी के स्थान पर फोटोकॉपी को मान्य कर लिया जबकि ओरीजनल कॉपी रिकॉर्ड में है ही नहीं। फायर सेफ्टी के बिना अस्पताल संचालन की अनुमति देने से मरीजों और उनके परिजनों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।

इधर कोर्ट ने पूछा- कोविड योद्धा कल्याण योजना का क्यों नहीं दे रहे लाभ?
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कोविड योद्धा कल्याण योजना का लाभ न मिलने के रवैये को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब-तलब किया। चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस पुरुषेंद्र कुमार कौरव की युगलपीठ ने राज्य शासन, प्रमुख सचिव राजस्व व कलेक्टर मंडला सहित अन्य को नोटिस जारी किए। बिछिया मंडला निवासी अरीना पटेल की ओर से अधिवक्ता रवींद्र श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता का पति रामस्वरूप पटेल जिला चिकित्सालय, मंडला में सुरक्षा के लिए होमगार्ड बतौर पदस्थ थे। नौकरी के दौरान वे कोरोना संक्रमित हो गए। इलाज के बावजूद बचाया न जा सका। कोविड योद्धा कल्याण योजना के तहत याचिकाकर्ता को 50 लाख रुपए मिलने चाहिए। लेकिन, आवेदन के बावजूद राशि अप्राप्त है। फ्रंटलाइन वर्कर के परिवार को प्रावधान के बावजूद लाभ न दिए जाने से योजना की मूलभूत मंशा कठघरे में चली गई है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो