64 हजार किसानों ने कराया है पंजीयन
उल्लेखनीय है कि समर्थन मूल्य पर चना, मसूर व सरसों बेचने के लिए जिले में 64 हजार 689 किसानों ने पंजीयन कराया है। खरीदी की एक बार तारीख बढऩे के बाद भी 42 हजार 326 किसानों की उपज विक्रय के लिए आना शेष है। बढ़ी हुई तारीख के मान से देखा जाए तो महज 10 दिन का समय शेष है। प्रशासन द्वारा खरीदी केन्द्रों पर पड़ रही भीड़ के मद्दे नजर 3-4 दिन बाद उपज लाने कहा है ऐसे में बहुतेरे किसानों की उपज विक्रय होने से वंचित हुई है। नागरिक आपूर्ति निगम के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चना विक्रय के लिए जिले में 47 हजार 62 किसानों ने पंजीयन कराया है। इनमें से अभी तक 17 हजार 34 किसानों की उपज का विक्रय हो पाया है और 30 हजार 28 किसानों की उपज आना शेष है। इसी तरह मसूर विक्रय के लिए 17 हजार 572 किसानों ने पंजीयन कराया है जिनमें से 5317 किसान उपज बेच चुके है। मसूर बेचने के लिए 12 हजार 255 किसान अभी बाकी है। इसके अलावा सरसों बेचने के लिए महज 55 किसानों ने पंजीयन कराया इनमें से अभी तक 12 किसान ही विक्रय करने खरीदी केन्द्र पहुंचे हैं। जिले में 15 खरीदी केन्द्रों के माध्यम से खरीदी की जा रही है। प्रत्येक खरीदी केन्द्र पर किसानों की आवक बढऩे से तुलाई की जगह कम पड़ रही है। बताया गया है कि तुला हुआ माल भी बड़ी तादाद में खरीदी केन्द्र पर होने की वजह से तुलाई की जगह कम पड़ रही है। वहीं बड़ी संख्या में ट्रेक्टर-ट्राली पहुंचने से तुलाई का क्रम भी बिगड़ता है और केन्द्रों पर किसान आक्रोशित होते हैं।
70 करोड़ का हुआ भुगतान
मिली जानकारी के अनुसार जिले के सभ 15 खरीदी केन्द्रों में चना की कुल 40 हजार मीट्रिक टन से अधिक खरीदी होने पर 1 अरब 72 करोड़ 96 लाख 50 हजार 787 रूपए के विरूद्ध महज 69 करोड़ 81 लाख 54 हजार 436 रूपए का भुगतान हुआ है। इसी तरह मसूर की कुल खरीदी 668 मीट्रिक टन हुई है जिसका 28 करोड़ 40 लाख 7 हजार 822 रूपए भुगतान होना है जिसमें से अभी तक 9 करोड़ 57 लाख 68 हजार 885 रूपए का भुगतान हुआ है। इसके अलावा 12 किसानों ने 780 क्विंटल सरसों का विक्रय किया है जिसका भुगतान 3 लाख 17 हजार 600 रूपए होता है। इसमें से 1 लाख 49 हजार 400 रूपए का भुगतान हुआ है।