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जबलपुर

यहां 160 गांव में अटका है ये काम, प्रतिदिन कार्यालय के चक्कर रहे किसान, जानिए पूरा मामला

महीना बीता आवेदन जमा कराए, आज-कल कहकर टाल रहे पटवारी, चालान शुल्क जमा करने के बाद भी सीमांकन का काम अटका

जबलपुरDec 02, 2017 / 07:35 am

deepankar roy

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जबलपुर/सिहोरा. खेतों का सीमांकन कराना किसानों के लिए डेढ़ी खीर साबित हो रहा है। सिहोरा-मझौली तहसील में सीमांकन के 300 से अधिक आवेदन लंबित हैं। किसान रोज सीमांकन की जानकारी लेने तहसीली में पहुंचते तो हैं, लेकिन उन्हें आज-कल कहकर टरका दिया जाता है। सिहोरा-मझौली तहसील के ग्रामीण क्षेत्रों से जमीन का सीमांकन करवाने किसान आए दिन तहसीली में पटवारी के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन सीमांकन का काम अटका पड़ा है।

केस-१
घुघरा के आशीष पटेल की पांच एकड़ जमीन है। उसने सीमांकन के लिए आवेदन किया। बाकायदा चालान और 50 रुपए शुल्क तहसीली में जमा कराया। आशीष बताता है कि दो माह से सीमांकन के लिए पटवारी के चक्कर लगा रहा हूं। तहसीली में आता हूं तो पटवारी नहीं मिलता। फोन नंबर भी बंद रहता है। कोई सुनने वाला नहीं है।
केस-२
गढ़चपा के राकेश हल्दकार ने एक एकड़ जमीन खरीदी। जमीन ही हद (सीमा) में मेढ़ बंधान कराना था। खेत का सीमांकन कराने आवेदन किया। राकेश कहता है हर हफ्ते आदेश लेकर पटवारी को ढूंढ़ता हूं, लेकिन पटवारी दो-तीन दिन में सीमांकन कर दूंगा कहकर यहां से वहां घुमा रहा है।
केस-३
बम्होर के किसान बद्री विशाल का हाल भी कुछ ऐसा ही है। वे कहते हैं जमीन का सीमांकन कराना किसी जंग जीतने से कम नहीं है। तहसीली में आवेदन किया था। रोज २० किमी से वहां पहुंचता हूं। पता चलता है पटवारी किसी काम से गया है। समय खराब होता है और पैसा भी। आखिर किसान करंे तो क्या करे।
चार सर्किलें, एक मशीन
सिहोरा और मझौली तहसील में चार सर्किलें आती हैं। सिहोरा तहसील में मझगवां और खितौला। मझौली में पौड़ा और मझौली सर्किल। सीमांकन का काम पहले जरीब (लोहे की जंजीर) से किया जाता है, लेकिन अब उसकी जगह टोटल सर्वे मशीन ने ले ली है। चार सर्किलों में सीमांकन कराने सिर्फ एक टोटल सर्वे मशीन है। ऐसे में खेती के जमीनों के सीमांकन का काम प्रभावित हो रहा है।
फैक्ट फाइल
तहसील-सिहोरा, मझौली
सर्किल-मझगवां, खितौला, मझौली पौड़ा, मझौली
गांव-160
आवेदन-80
अमला-सिहोरा, मझौली
आरआई सिहोरा-02
आरआई मझौली-02
पटवारी सिहोरा-11
पटवारी मझौली-16
हल्के सिहोरा-61
हल्के मझौली-84

अमले की कमी है
सिहोरा एसडीएम उमा माहेश्वरी के अनुसार सिहोरा और मझौली तहसील में सीमांकन के लिए जितने भी आवेदन आए हैं, संबंधित तिथि पर पटवारी जमीन का सीमांकन कर रहे हैं। अमले की कमी के कारण कुछ दिक्कतें आ रही हैं।

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