पुलिस ने बताया कि सिविल लाइंस मरियम चौक निवासी भानु शुक्ला कैलाश देव बिल्ड प्राइवेट लिमिटेड के संचालक हैं। उनकी कम्पनी बिजली की ट्रांसमिशन लाइन और सब स्टेशन बनाती है। यह सरकारी ठेके लेती है। इससे कई अन्य फर्म भी जुड़ी हुई हैं। कंपनी में संतोष लोंदे काम करते थे। उन्होंने दस साल पहले अपने बेटे दीपांशु को उसी कम्पनी में लगवाया। कुछ साल पहले दीपांशु को मैनेजर के पद पर पदोन्नत किया गया। उसे संचालक के डिजीटल हस्ताक्षर का प्रभारी भी बना दिया गया। दीपांशु ने मैनेजर का पद संभालने के बाद फर्जीवाड़े का खेल शुरू कर दिया। कंपनी के ऑर्डर में दीपांशु गोलमाल कर देता था। वह संचालक को गुमराह कर महंगे दामों में सामान खरीदता और इसके एवज में उसे मोटी रकम मिलती थी।
आपत्तिजनक तस्वीरें भी मिली
पुलिस को दीपांशु के मोबाइल में कई युवतियों के साथ आपत्तिजनक तस्वीरें भी मिली हैं। गोरखपुर पुलिस ने दीपांशु समेत उसके पिता संतोष, भाई मयंक, योगेन्द्र और रोहित सेन के खिलाफ धोखाधड़ी, अपराधिक षड्यंत्र व अमानत में ख्यानत की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया है।