जरा सी चिंगारी गांव या खेत को स्वाहा करने के लिए काफी
कहीं नरवाई जलाने से उड़ी चिंगारी तो कहीं लापरवाही से बीड़ी-सिगरेट फेंकने से आग लग जाती है। आगजनी के लगभग प्रत्येक मामले में विभागीय या लोगों की लापरवाही ही सामने आती है। गौरतलब रहे कि प्रतिवर्ष गर्मी के दिनों में जब किसान ट्रॉलियों में लादकर खेतों से गेहूं की कटी फसल ले जाते हैं, तब अनेक स्थानों पर झूलते तारों की चपेट में आने पर ट्रेक्टर ट्रॉली समेत पूरी फसल स्वाहा होने की घटनाएं बीते साल हो चुकी हैं। ऐसे ही नरवाई जलाने का खमियाजा भी पड़ोसी किसान आग के रूप में भुगतते हैं। इन दिनों तेज गर्मी पड़ रही है, जिससे जरा सी चिंगारी ही पूरे गांव या खेत को स्वाहा करने के लिए काफी है। ऐसे में लोगों को भी जागरूक होकर अग्नि हादसे से बचाव के उपाय करने की जरूरत है। पत्रिका ने तहसील के ऐसे ही कुछ उदाहरण देखे जब लापरवाही आगजनी की वजह बनी।
कहीं नरवाई जलाने से उड़ी चिंगारी तो कहीं लापरवाही से बीड़ी-सिगरेट फेंकने से आग लग जाती है। आगजनी के लगभग प्रत्येक मामले में विभागीय या लोगों की लापरवाही ही सामने आती है। गौरतलब रहे कि प्रतिवर्ष गर्मी के दिनों में जब किसान ट्रॉलियों में लादकर खेतों से गेहूं की कटी फसल ले जाते हैं, तब अनेक स्थानों पर झूलते तारों की चपेट में आने पर ट्रेक्टर ट्रॉली समेत पूरी फसल स्वाहा होने की घटनाएं बीते साल हो चुकी हैं। ऐसे ही नरवाई जलाने का खमियाजा भी पड़ोसी किसान आग के रूप में भुगतते हैं। इन दिनों तेज गर्मी पड़ रही है, जिससे जरा सी चिंगारी ही पूरे गांव या खेत को स्वाहा करने के लिए काफी है। ऐसे में लोगों को भी जागरूक होकर अग्नि हादसे से बचाव के उपाय करने की जरूरत है। पत्रिका ने तहसील के ऐसे ही कुछ उदाहरण देखे जब लापरवाही आगजनी की वजह बनी।
कचरे के ढेर में लगी आग से झुलसे पेड़
गत दिवस गांव के पास खेरापति माता मंदिर मार्ग पर लगे कचरे के ढेर में कुछ अज्ञात लोगों ने आग लगा दी। इससे वहां के किसान अवधेश अवस्थी के खेत में लगी गन्ने की फसल तबाह हो गई। साथ ही आग लगने से वहां बबूल, आम, बांस के पेड़ भी झुलस गए हंै। समय रहते गांव के लोगों को इस समस्या पर ध्यान देना चाहिए। आगजनी के कारण खेत में लगी गन्ने की फसल तबाह होने से किसानों को काफ ी नुकसान झेलना पड़ा है। किसान अवधेश अवस्थी ने बताया कि गांव के कुछ लोग यहां पर कचरा डालते हैं। इससे गंदगी होती है और अब आगजनी के घटनाएं भी होने लगी हैं। पुलिस विभाग कार्रवाई करे ताकि किसी प्रकार की अनहोनी घटना या जनधन की हानि न हो पाए।
खेतों में नरवाई जलाने से उड़ती कालिख
प्रशासन द्वारा किसानों से बार-बार खेतों की नरवाई में आग न लगाने का अनुरोध किया जाता है। बावजूद इसके अनेक किसान खेत में नरवाई जलाने से बाज नहीं आते। जो केवल आसपास के खेतों में आग लगने की वजह एवं खेत के मित्र जीवाणु नष्ट होने की वजह ही नहीं बनती। बल्कि लोगों की परेशानी का सबब भी बनती है। साईखेड़ा के आसपास के खेतों में गेंहू की नरवाई में आग लगाने से रहवासी इलाके में उडऩे वाली कालिख से गंदगी और काले धुएं से आंखों में जलन होने से आमजन परेशान हैं।