जबलपुर। बैरल में लगे मजल के बस्र्ट होने और जर्मनी की जगह चीन की वायर रेस रोलर बेयरिंग लगाने के विवाद के बावजूद जीसीएफ प्रशासन 155 एमएम 45 कैलीबर धनुष तोप प्रोजेक्ट को आगे ले जाने की तैयारी में जुटा हुआ है। क्षतिग्रस्त तोप की बैरल और मजल को जांच के लिए कानपुर आयुध निर्माणी भेजा गया है। उधर, दूसरी तोप से फिर से फायरिंग का कार्यक्रम बनाया गया है। बताया गया कि फायरिंग के लिए पोकरण से तीन माह बाद की तिथि मिली है। आयुध निर्माणी बोर्ड ने इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए कहा है। फैक्ट्री को करीब 18 तोप तैयार करना है। लगभग एक दर्जन तोप का निर्माण हो चुका है। लगातार दो बार मजल में विस्फोट से प्रोजेक्ट की गति में कमी आई है।
सूत्रों के अनुसार आयुध निर्माणी बोर्ड से तय संख्या के अनुसार धनुष तोप तैयार करने के लिए कहा गया है। इस मामले में रक्षा मंत्रालय में भी विचार-विमर्श हो रहा है। उसकी तरफ से अभी स्पष्ट निर्देश नहीं मिले हैं। इसके मद्देनजर जीसीएफ प्रबंधन तय कार्यक्रम के अनुसार धनुष तोप का काम करा रहा है। इसी के समानांतर मजल फटने की जांच भी हो रही है।
जबलपुर सीबीआई आज भी करेगी जांच
दिल्ली की टीम के बाद बाद स्थानीय सीबीआई सोमवार को भी जर्मनी की जगह चीनी बेयरिंग सप्लाई मामले की जांच को आगे बढ़ा सकती है। अधिकारियों ने शनिवार को जीसीएफ जाकर कुछ जानकारियां जुटाई थीं। शेष कार्रवाई के लिए जांच एजेंसी की स्थानीय टीम फैक्ट्री जा सकती है। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली से आई टीम ने सिद्ध सेल्स सिंडीकेट से जुटाए गए सबूतों और जीसीएफ से मिले दस्तावेजों के आधार पर कार्रवाई प्रारंभ कर दी है। दिल्ली टीम की जांच के बाद जो कमी रह गई है, उसकी पूर्ति जबलपुर सीबीआई टीम कर रही है।