मेडिकल कॉलेज में न्यूरो सर्जरी विभाग शुरू हो गया है। दो वर्ष पूर्व मेडिकल कांउसिल ऑफ इंडिया के समक्ष यहां सुपर स्पेशलिटी कोर्स न्यूरो सर्जरी शुरू करने का प्रस्ताव भेजा था। मेडिकल यूनिवर्सिटी ने यहां कोर्स के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं पाई थी। इस आधार पर कोर्स शुरू करने सम्बन्द्धता प्रदान की थी। 30 अप्रेल को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम ने यहां का निरीक्षण किया था। यहां सुपर स्पेशिएलिटी कोर्स सम्बंधी समस्त औपचारिकताओं को जांच में पर्याप्त पाया था। विभाग के अलावा यहां एमआरआइ, सीटी स्केन, पैथोलॉजी, ब्लड बैंक, सहित अन्य विभागों की जांच की थी। उसके आधार पर बोर्ड ऑफ गर्वनर्स ऑफ सुपरसेशन ऑफ एमसीआई ने अनुमति प्रदान की है।
बढ़ जाएंगे छह एमएस डॉक्टर
एसोसिएट प्रो. डॉ. विजय परिहार ने बताया कि साढ़े पांच साल के एमबीबीएस के बाद तीन साल के एमएस में स्पेशलाइजेशन होता है। उसके बाद तीन साल का एमसीएच कोर्स होता है। आने वाले समय में वार्ड और ओटी में ड्यूटी करने वाले सात एमएस डॉक्टर होंगे। मेडिकल कॉलेज के न्यूरो सर्जरी विभाग में वर्ष 2010 में फेलोशिप शुरू की गई, जिसमें देश-विदेश के 550 से अधिक डॉक्टर ट्रेनिंग लेने आ चुके हैं।
भोपाल में शुरू होगी डीएम कॉर्डियोलॉजी
मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. आरएस शर्मा ने बताया, मेडिकल कॉलेज में जबलपुर में एमसीएच न्यूरो सर्जरी एवं गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में डीएम कॉर्डियोलॉजी की अनुमति मिली है। मेडिकल कॉलेज में एमसीएच कोर्स शुरू करने वाला प्रदेश में दूसरा कॉलेज है। न्यूरो सर्जरी विभाग में एमसीएच कोर्स की अनुमति मिल गई है। न्यूरो सर्जरी कोर्स शुरू होने से सर्जरी के बाद यहां सुपर स्पेशिएलिस्ट कोर्स स्पेशलिस्ट कर सकेंगे।
न्यूरो सर्जरी विभाग के एचओडी वायआर यादव ने बताया, एमसीआइ ने मरीजों की सर्जरी के साथ इससे सम्बंधित अन्य सेवाएं ब्लड बैंक, पैथोलॉजी, सिटी स्कैन आदि के मानकों की जांच की है। कार्डियक सर्जरी एवं यूरोलॉजी में एमसीएच के लिए अनुमति आसान होगी।