भुवनेश्वर के रास्ते सैकड़ों बेरोजगार युवाओं को मलेशिया भेजा जा रहा है। मलेशियों में बेरोजगार युवकों को भेजकर वहां जहाजों में बंधुआ मजदूर की तरह काम कराया जा रहा है। यहां पर भारत देश के एक-दो नहीं बल्कि सैकड़ों की संख्या में युवा फंसे हुए हैं। माधवनगर पुलिस के खुलासे के बाद उत्तरप्रदेश के बरेली व मध्यप्रदेश के नीमच से मंगलवार को माधवनगर थाने पहुंचे पीडि़त युवकों ने बताया कि वे लोग मलेशिया से किसी तरह बचकर भारत पहुंचे हैं। उनके जैसे सैकड़ों युवा अभी भी वहां फंसे हैं। जो देश के अलग-अलग राज्यों से हैं।
मंगलवार को मलेशिया से कटनी माधवनगर थाना पहुंचे नवनीश सिंह ग्राम खगईनगर जिला बरेली यूपी, आदेश कुमार निवासी करमपुर बरेली उत्तरप्रदेश, नितेश चौहान निवासी नीमच, श्यामभूषण मिश्रा रामपुर बखरी रीवा मध्यप्रदेश ने बताया कि सुधीर द्वारा 2 से 3 लाख रुपये लेकर मलेशिया भेजा गया। कोर्स के फर्जी सर्टिफिकेट दिए गए, वहां जाने पर पैसे भी कम दिया जा रहा था। भोजन के नाम पर कई दिनों तक मैगी खाकर काम चलाया। कम मजदूरी की बात कहने पर जान से मारने की बात कही जाती थी। काम के दौरान हुए हादसों में मौत के बाद समुद्र में फेक देते हैं युवकों के शव। मलेशिया में 70 फीसदी से अधिक भारतीय युवा काम कर रहे हैं। बेरोजगार युवाओं को एजेंट महेंद्र पटेल नरसिंहपुर निवासी भुवनेश्वर से फ्लाइट के माध्यम से मलेशिया के शीबू शहर पहुंचाया।
इंदौर में भी ऑफिस:
नेवी में नौकरी दिलाने के नाम पर दिए दस्तावेज की मलेशिया मैराइन पुलिस ने जांच की तो वे फर्जी निकले। पीडि़तों ने बताया कि इंदौर में भी ऑफिस खोलकर युवाओं को ठगा जा रहा है। सुधीर द्वारा कन्टीन्युअस डिस्चार्ज सर्टिफिकेट (सीडीसी), एसटीसीडब्ल्यू, इंडोस कोड सहित एसटीसीडब्ल्यू सर्टिफिकेट जाली दिए थे।
खास-खास:
– माधवनगर पुलिस ने कथित डायरेक्टर सुधीर के भाई सुनील विश्वकर्मा से पूछताछ की।
– नौकरी के लिए जेवरात-जमीन गिरवी रखकर युवाओं ने जमा किए थे रुपये।
– एचडीएफसी बैंक के खाते में रुपये जमा कराता था सुधीर, पुलिस ने मांगी ट्रांजेक्शन की डिटेल।
इनका कहना है
बेरोजगार युवकों को रोजगार के सपने दिखाकर ठगे जाने का मामला सामने आया है। जांच की जा रही है। सुधीर के भाई सुनील विश्वकर्मा जो डायरेक्टर था उसके भी बयान लिए गए हैं।
– संजय दुबे, थाना प्रभारी माधवनगर