टोरोंटो विश्वविद्यालय द्वारा देश में हुई मौतों के चौंकाने वाले इस अध्ययन को लेकर पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत ने केंद्र सरकार को घेरा है। उनका कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पूरे देश में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव, ऑक्सीजन की कमी, आवश्यक दवाइयों की कमी के कारण मौतों का तांडव देखा गया। श्मशान में अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी कम पड़ गईं तो कब्रिस्तान में शवों के दफ नाने के लिए जमीन कम पड़ गई। सरकारी आंकड़ों के मुकाबले कोरोना से देश में 6 से 7 गुना ज्यादा मौत हुई हैं।
उन्होंने कहा की उत्तरप्रदेश सहित उससे लगे हुए राज्यों में गंगा नदी में तैरती लाशें देखी गई। भनोत ने कहा कि संसद में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों पर पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने कहा था कि दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से देश में कोई मौतें नहीं हुई हैं। जबकि सरकार की तमाम एजेंसियां और राज्य सरकारों ने उनके राज्यों के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी को लेकर सार्वजनिक तौर बयान दिया था।