यह है मामला
राघवजी के खिलाफ उनके घरेलू नौकर राजकुमार दांगी ने पांच जुलाई 2013 को भोपाल के हबीबगंज थाने में यौन शोषण का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद राघवजी को मंत्री पद से हटाने के साथ ही भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया था। राघवजी नौ जुलाई 2013 को गिरफ्तार हुए थे। 38 दिन जेल में रहने के बाद हाईकोर्ट ने 14 अगस्त 2013 को राघवजी की उम्र को देखते हुए एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत दे दी थी। इस मामले में भोपाल की एससीएसटी एट्रोसिटी विशेष अदालत में भादंवि की धारा 377 व एससीएसटी एट्रेािसटी एक्ट के तहत आरोप तय किए जा चुके हैं। राघवजी के अधिवक्ता महेंद्र पटेरिया ने बताया कि इसी मामले पर दर्ज एफआईआर निरस्त करने व एससीएसटी एट्रोसिटी एक्ट के तहत आरोप तय करने को याचिकाओं में चुनौती दी गई है।
सूबे में थी चर्चा
उल्लेखनीय है कि घरेलू कर्मचारी के साथ अप्राकृतिक ढंग से दुष्कर्म का मामला पूरे देश में सुर्खियों में रहा। जुलाई 2013 में यह मामला तब प्रकाश में आया जब घरेलू कर्मचारी राजकुमार ने राघवजी के खिलाफ भोपाल के हबीबगंज थाने में यौन शोषण का मामला दर्ज कराया। सरकार के एक जिम्मेदार पद पर रहते हुए और उम्र दराज मंत्री द्वारा इस तरह का कृत्य शर्मशार करने वाला रहा। पूर्व वित्तमंत्री की इसमें सामाजिक दुर्गति भी हुई। विपक्ष ही नहीं पार्टी के प्रबुद्ध नेताओं ने तक उन्हें जमकर घेरा था। राघवजी का शर्मनाक कृत्य सामने आने के बाद भाजपा ने उन्हें पार्टी से निष्काषित भी कर दिया था। सुनवाई के दौरान एक बार फिर राघवजी का वही कृत्य चर्चाओं में है।