यूपी पुलिस के आरोपों पर जबलपुर पुलिस पहले तो भन्ना गई। उसके बाद कई वार भी किए थे। लेकिन जबलपुर एसपी अमित सिंह ने यह भी कहा था कि आरोपों की जांच कर दोषी लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। मगर इस वीडियो के सामने आने के बाद पुलिस मुख्यालय तक में हड़कंप मच गया था। प्रथम दृष्टया इस वीडियो को सही पाया गया। मध्यप्रदेश पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
एएसपी समेत चार अधिकारियों पर गिरी गाज
गृह विभाग ने दो बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई की है। जबलपुर एएसपी राजेश त्रिपाठी को हटा दिया गया है। उनको अब सहायक पुलिस महानिरीक्षक, पीएचक्यू भोपाल तैनात किया गया है। इसके साथ सीएसपी गोहलपुर देवेश पाठक को भी वहां से हटा दिया गया है। उनको भी उप पुलिस अधीक्षक के पद पर पीएचक्यू भोपाल में तैनात किया गया है।
गृह विभाग ने दो बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई की है। जबलपुर एएसपी राजेश त्रिपाठी को हटा दिया गया है। उनको अब सहायक पुलिस महानिरीक्षक, पीएचक्यू भोपाल तैनात किया गया है। इसके साथ सीएसपी गोहलपुर देवेश पाठक को भी वहां से हटा दिया गया है। उनको भी उप पुलिस अधीक्षक के पद पर पीएचक्यू भोपाल में तैनात किया गया है।
इसके साथ ही गोहलपुर थाना प्रभारी प्रवीण धर्वे और हनुमानताल थाना प्रभारी संजय सिंह को भी हटा दिया गया है। दोनों पुलिस मुख्यालय बुला लिया गया। कहा जा रहा है कि वीडियो में जो पुलिसकर्मी गाड़ी तोड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं, अब चिह्नित कर उनके ऊपर भी कार्रवाई होगी। जबलपुर पुलिस इस पूरे मामले की फिलहाल जांच शुरू करी दी है। हिंसा के बाद गोहलपुर थाना क्षेत्र में भी कर्फ्यू लगा था।
जबलपुर का है वीडियो
दरअसल, सीएए के दौरान देश विभिन्न शहरों में हिंसा हुई थी। जबलपुर के इस वीडियो सोशल मीडिया पर यूपी का बताकर खूब शेयर किया जा रहा था कि कैसे अपार्टमेंट में घुसकर पुलिस लोगों की गाड़ियां तोड़ रही है। हालांकि यूपी पुलिस इसे खारिज कर रही थी। पच्चीस दिसंबर को यूपी पुलिस की फैक्ट चेक टीम ने वीडियो की जांच कर बताया कि यह जबलपुर का वीडियो है।