मेडिकल में एमबीबीएस की सौ सीटों के लिहाज से बुनियादी सुविधाएं जुटाने के लिए 106 करोड़ रुपए की योजना स्वीकृत है। इसमें हॉस्टल, हॉस्पिटल सहित सात भवन बनाया जाना है। इनका निर्माण वर्ष 2017 में शुरू हुआ। लेकिन, सम्बंधित कंसट्रक्शन कंपनी दिसम्बर, 2018 तक लगभग 22 करोड़ रुपए का काम ही कर सकी और अचानक कामकाज समेट लिया।
एमबीबीएस की सौ नई सीटों के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) इस वर्ष के पहले महीने में ही कॉलेज का दौरा कर चुकी है। टीम की जांच रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक हुई नहीं है। इससे उम्मीद बढ़ी है कि नए सत्र से पहले प्रस्तावित निर्माणाधीन कार्यों के वेरीफिकेशन के आधार पर एमसीआई अंतिम निर्णय ले सकती है।
मेडिकल कॉलेज में एक्सटेंशन के अधूरे निर्माण कार्य पूरे होने पर विद्यार्थियों और मरीजों, दोनों के लिए सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी। एमबीबीएस की सौ सीटें बढऩे से सरकारी कॉलेज में छात्र-छात्राओं के प्रवेश के मौके बढ़ेगे। अस्पताल में तीन सौ बिस्तर बढऩे पर मरीजों को परेशान नहीं होना पड़ेगा।
राज्य सरकार ने फरवरी, 2019 में पूवर्वती कंपनी का कॉन्ट्रेक्ट रद्द करते हुए उस ब्लैक लिस्टेड किया। दोबारा निविदा प्रक्रिया की। उसके बाद आई नई कंपनी ने काम शुरूकर दिया है। इसे जुलाई, 2020 की डेडलाइन मिलने के बाद दो शिफ्ट में निर्माण कार्य कर रही है।