श्रीगणेश उत्सव नजदीक: इस वर्ष कोरोना संकट के चलते नहीं बनने दी जाएगी भीड़ की स्थिति छोटी प्रतिमाएं ही बना रहे मूर्तिकार
बड़ी मूर्तियां नहीं बन रहीं, दूर-दराज के कई आर्डर किए निरस्त
प्रतिमाएं का ऑर्डर रद्द
शहर में निर्मित प्रतिमाएं मालवा, बुंदेलखंड, महाकोशल सहित उत्तरप्रदेश तक जाती हैं। कुछ समितियां एक वर्ष पहले ही प्रतिमाओं का ऑर्डर दे देती हैं। मूर्तिकार कहते हैं कि इस बार सागर, इलाहाबाद, सतना, इटारसी, मानिकपुर सहित अन्य जगहों के ऑर्डर रद्द कर दिए गए हैं। जबकि, देवी प्रतिमा के बारे में तो बातचीत ही नहीं की जा रही है।
सभी का व्यवसाय चौपट
प्रतिमा निर्माण से जुड़े सभी व्यवसाय चौपट हो गए हैं। इनमें कपड़ा, फट्टा, बांस, बल्ली, भूसा, रंग आदि बेचने वाले शामिल हैं।
हमारा पुस्तैनी काम है। परिवार इस पर ही आश्रित है। पंडाल होंगे या नहीं होंगे यह प्रशासन स्पष्ट नहीं कर रहा है, जिससे हम बड़ी प्रतिमाएं बना सकें।
– राजकुमार प्रजापति, मूर्तिकार
बाहर जाने वाली प्रतिमाओं के ऑर्डर रद्द हो गए हैं। 150 परिवारों पर जीविकोपार्जन का संकट गहरा गया है। बड़ी प्रतिमा नहीं बना पा रहे।
– प्रहलाद प्रजापति, मूर्तिकार
सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित नहीं होंगी मूर्ति और झांकी
कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए राज्य शासन ने जिलों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इसमें धार्मिक और वैवाहिक समारोह सहित अंतिम संस्कार के लिए नए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। अब कोई भी धार्मिक कार्य, त्योहार का आयोजन सार्वजनिक स्थलों पर नहीं किया जाएगा। इसी प्रकार धार्मिक जुलूस या रैली नहीं निकाली जाएगी। इन स्थानों पर किसी प्रकार की मूर्ति, झांकी आदि स्थापित नहीं की जाएगी। लोग अपने-अपने घरों में पूजा अर्चन कर सकेंगे। धार्मिक उपासना स्थलों पर एक समय में 5 से अधिक व्यक्ति एकत्र नहीं होंगे। विवाह समारोह में मेहमानों की संख्या 20 से अधिक नहीं होगी। पारिवारिक कार्यक्रम जन्मदिन या सालगिरह समारोह में भी सिर्फ 10 व्यक्ति शामिल होंगे।
कोरोना संक्रमण से बचाएं संस्कारधानी
प्रतिमा स्थापित करने वाले श्रृद्धालुओं का कहना है कि कोरोना इस बार पंडाल नहीं बनाए जाएंगे, ताकि लोग भीड़ से बच सकें। उखरी के सार्वजनिक गणेशोत्सव समिति के राजेंद्र पटेल का कहना है कि इस बार मंदिर में ही प्रतिमा स्थापित की जाएगी। गढ़ाफाटक के बाल गणेशोत्सव समिति अध्यक्ष अशोक विश्वकर्मा ने भी यही बात कही है।