जबलपुर

babumoshai bandookbaaz of jabalpur : ये हैं १२० नामी गुंडे , पुलिसवालों को बना रहे हैं चकरघिन्नी

जारी है गुंडागर्दी, पुलिस की पकड़ में नहीं आ रहे बदमाश, चला रहे गैंग, इंटरनेट के जरिए एक-दूसरे से संपर्क, गैंग कर रही रीयल इस्टेट में दखलनदाजी कर वसू

जबलपुरSep 03, 2017 / 02:43 pm

deepak deewan

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जबलपुर। ‘कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं, कोई भी बदमाश उससे बच नहीं सकता’, यह कहावत जबलपुर के 120 गुंडों ने झूठी साबित कर रखी है। ये बदमाश जबलपुर के ढाई हजार पुलिसवालों पर भी भारी हैं। पुलिस का कोई प्रयास, कोई जतन, कोई चक्रव्यूह इनके हाथों में हथकड़ी नहीं डाल पाया है। उन्होंने एक ही अपराध नहीं किया, बल्कि लगातार करते जा रहे हैं। आपस में मिलकर गैंग भी बनाते आ रहे हैं। बस पुलिस ही नाकाम बैठी है कि उसके हाथ इन बदमाशों के गिरेबान तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। पुलिस को कितना फिसड्डी साबित कर रखा है इन बदमाशों ने, इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि इनमें से कई चौदह-चौदह साल से पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। हरकतें वे लगातार कर रहे हैं, लेकिन पुलिस को उनकी सूरत और ठिकाना नहीं मिल रहा है। ये अपराधी घोषित और अघोषित रूप से गोलीकांड, वसूली, रीयल इस्टेट में दादागीरी जैसी वारदातों को खुलकर अंजाम दे रहे हैं। पुलिस के जासूस भी बदमाशों का सुराग लेने में फेल हैं। थक-हारकर पुलिस ने अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए इनाम घोषित किया है, लेकिन इसका असर भी होता नहीं दिख रहा है।

सरेराह गोली चलाकर हो गए भूमिगत
रांझी, चेरीताल, नौदराब्रिज, अधारताल जैसे गोलीकांड इन फरार बदमाशों की मौजूदगी प्रदर्शित कर रहे हैं कि उन्हें खाकी का खौफ नहीं हैं। सरेराह गोली मारकर हत्या करने के बाद पुलिस को चकमा देकर भूमिगत हैं। पुलिस ने सीसीटीवी, गवाहों और खुफिया तंत्र से जानकारी लेकर इस बात की पुष्टि कर ली है कि किस वारदात में कौन सा बदमाश था। आरोपित के खिलाफ थानों में अपराध भी दर्ज किए गए हैं लेकिन गिरफ्तारी के नाम पर पुलिस के हाथ खाली हैं।

१४ साल से काट रहे फरारी
पुलिस ने ईनामी बदमाशों की सूची तैयार की है। इसमें वर्ष २००३ से फरार हुए बदमाशों को ब्यौरा दर्ज किया है। इस सूची में १२० बदमाशों के नाम हैं। इसमें बदमाशों के अपराध और घोषित ईनाम का विवरण दिया है। ईनाम घोषित करने के बाद पुलिस को अलर्ट किया है कि आरोपितों की गिरफ्तारी की जाए।

३.८७ लाख का इनाम घोषित
पुलिस ने करीब १२० आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए ३.८७ लाख से ज्यादा की राशि बतौर इनाम देने की घोषणा की है। इसमें बदमाशों के अपराधों के मद्देनजर पांच सौ रुपए से लेकर दस हजार रुपए तक की राशि रखी गई है। ज्यादातर अपराधियों की गिरफ्तारी में पुलिस ने दो से पांच हजार रुपए का इनाम रखा है। इस सूची में दस हजार के इनाम वाले १० आरोपित हैं। हालांकि एसपी शशिकांत शुक्ला एेसा नहीं है कि बदमाशों की धरपकड़ नहीं की जाती है। कई ईनामी बदमाशों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। त्योहार के पहले सभी थाना प्रभारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं ताकि वर्षों से फरार बदमाश पुलिस की गिरफ्त में हों।

तैयार हो गई हैं सात गैंग
मदार टेकरी, गदेहरी, गोरखपुर, चंडालभाटा, गढ़ा, धनवंतरीनगर और सदर में शातिर फरार बदमाशों ने गैंग तैयार कर ली है। इस गैंग का काम जमीनों की अवैध रूप से खरीद-फरोख्त, अवैध वसूली, गुंडागर्दी करके हफ्ता वसूली करना है। इनमें से कई पुराने बदमाश शामिल हैं, जो कुछ ही दिन पहले जेल से छूटकर आए हैं। जानकारों का कहना है कि गैंगस्टर में विजय यादव का नाम तेजी से आगे चल रहा है। बल्लू चौधरी, छोटू पंडित आदि अपराध की दुनिया में उभरते सितारे कहे जाने लगे हैं, जिनका काम जुआ, सट्टा, मारपीट से लेकर सुपारी लेकर वारदात करना या फिर वारदात में पैसे वाले व्यक्ति को फंसाना है। गैंग के गुर्गों का एक-दूसरे से सतत संपर्क है। दावा किया जा रहा है कि गैंगस्टर में मोइन, सतीश यादव, बापूजी यादव, विजय यादव, बल्लू चौधरी और पिंकू काला सरगना हैं।
ये हैं मोस्ट वाटेंड
विजय यादव कोतवाली, गोरखपुर गोलीकांड, हत्या, हत्या का प्रयास, मारपीट, अवैध वसूली १० हजार
समीर खान कोतवाली, गोरखपुर गोलीकांड, हत्या, हत्या का प्रयास, मारपीट, अवैध वसूली १० हजार
बिन्नू उर्फ कोतवाली, गोरखपुर गोलीकांड, हत्या, हत्या का प्रयास, मारपीट, अवैध वसूली १० हजार
विनय विश्वकर्मा
आदेश सोनी कोतवाली, गोरखपुर गोलीकांड, हत्या, हत्या का प्रयास, मारपीट, अवैध वसूली १० हजार
सारवना मदनमहल जालसाजी, छलकपट, चोरी १० हजार
पार्थीवन मदनमहल जालसाजी, छलकपट, चोरी १० हजार
सुधा मदनमहल जालसाजी, छलकपट, चोरी १० हजार
कमल मदनमहल जालसाजी, छलकपट, चोरी १० हजार
मुर्गन मदनमहल जालसाजी, छलकपट, चोरी १० हजार
बालाजी मदनमहल जालसाजी, छलकपट, चोरी १० हजार
फरार कुख्यात बदमाश
विजय यादव, समीर खान, बिन्नू उर्फ विनय विश्वकर्मा, आदेश सोनी, टिंकू उर्फ हिमांशु ईसाई, यूसुफ इब्राहिम, रमाकांत उर्फ बबलू पंडा, बाबा उर्फ विनय कुशवाहा, पिंटू अहिरवार, विलाल खान, मोंटी उर्फ राघव।


पुलिस इन्वेस्टिगेशन
– पुलिस ने आरोपितों के संभावित ठिकानों पर दबिश दी।
– आरोपितों के मोबाइल नंबर ट्रेस किए।
– मुखबिरों से मिली सूचना पर छापे मारे।
– पुलिस ने आरोपितों के परिजनों और परिचितों को निशाना बनाकर आरोपितों तक पहुंचने के प्रयास किए।

काम न आई पुलिस एजेंसी
– एलआईवी- अपराधों की आंतरिक सूचना एकत्र कर पु्िलस को अलर्ट करना।
– पुलिस मित्र- पुलिस के कार्यों में सहयोग करना।
– मुुखबिर- वारदात के पहले या षणयंत्र की सूचना देना।

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