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200 करोड़ से ज्यादा की सम्पत्ति बनाने का मामला
रेल अफसर के ‘साले’ के लॉकर ने उगले जेवर और नकदी
चार साल की नौकरी में 200 करोड़ से ज्यादा की सम्पत्ति बनाने के आरोपों से घिरे रेलवे के डिवीजनल इंजीनियर के परिजन के इलाहाबाद बैंक स्थित लॉकरों की जांच में नकदी, जेवरात व सम्पत्तियों का खुलासा हुआ है। राजकोट में पदस्थ रहने के दौरान सीबीआइ के शिकंजे में फंसे रेल अफसर वेदप्रकाश ने जबलपुर में करोड़ों की सम्पत्तियां बनाई हैं।
जबलपुर आकाशवाणी केन्द्र के सीनियर अकाउंट ऑफिसर मधुर खरे जो वेदप्रकाश के ***** हैं, के बैंक लॉकर से सोना, नकदी, विजयनगर में 1 फ्लैट, 1 प्लॉट के दस्तावेज सामने आए हैं। मधुर की पत्नी अभिलाषा के नाम पर भी प्रॉपर्टी मिली हैं। इनमें भी वेदप्रकाश की ओर से इन्वेस्ट किए जाने को लेकर सीबीआई जांच कर रही है। जयप्रकाश नगर अधारताल निवासी रेल अफसर के पिता जीपी श्रीवास्तव भी जांच के घेरे में आ गए हैं।
सीबीआई से जुड़े सूत्र बताते हैं कि उनके द्वारा कराई गईं 32 एफडी में वेदप्रकाश को नॉमिनी बनाया गया है। माना जा रहा है कि सभी एफडी रेल अफसर ने कराई हैं। सीबीआई की पूछताछ में रेल अफसर ने बताया था कि उनकी पत्नी ने कोचिंग के माध्यम से पैसे कमाए हैं। जब सीबीआई ने उनकी पत्नी से पूछताछ की तो वे इस संबंध में कोई साक्ष्य नहीं दे पाईं। मुंबई, जबलपुर, राजकोट में उनका कोई कोचिंग संस्थान नहीं मिला है। जबलपुर आकाशवाणी केन्द्र में मधुर खरे यहां वर्षों से पदस्थ हैं। रेल अफसर के बेटे ने विदेश यात्रा की थी।