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जबलपुर

सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस होगी बंद, सरकार देगी 3 लाख रुपए महीना सैलरी

सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस होगी बंद, सरकार देगी 3 लाख रुपए महीना सैलरी

जबलपुरDec 10, 2018 / 02:22 pm

Lalit kostha

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जबलपुर. नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में डीन और अस्पताल में सुपरिन्टेंडेंट के पद पर नियुक्त होते ही सम्बंधित चिकित्सक की प्राइवेट प्रैक्टिस बंद हो जाएगी। सरकारी चिकित्सकों की प्राइवेट प्रैक्टिस को लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने अधिकारियों के दोनों प्रमुख पदों की स्थाई भर्ती में भी नई शर्त जोड़ दी है। लम्बे समय बाद कॉलेज और अस्पताल में अधिकारियों की स्थाई नियुक्ति प्रक्रिया की शुरू हुई है। इसके लिए तय पात्रतानुसार डीन और सुपरिन्टेंडेंट पद पर चयनित डॉक्टर को प्राइवेट प्रैक्टिस की पात्रता नहीं होगी। नियुक्ति से पहले चयनित डीन और सुपरिन्टेंडेंट को शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा कि उसने पहले किसी निजी अस्पताल में सम्बंधित कॉलेज के डीन की अनुमति के बिना सेवा नहीं दी है।

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एनएससीबी मेडिकल कॉलेज में दोनों पदों पर स्थाई भर्ती में शर्त
डीन, सुपरिन्टेंडेंट बनते ही प्राइवेट प्रैक्टिस होगी बंद

चिकित्सा शिक्षा विभाग ने सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की व्यवस्था में सुधार के लिए फुल टाइमर अधिकारियों की नियुक्ति का निर्णय किया है। इसके अलावा शिक्षण एवं प्रशासनिक अनुभव को लेकर भी कड़े प्रावधान किए है। हालांकि, डीन और सुपरिन्टेंडेंट की स्थाई नियुक्ति की भी अवधि तय की गई है। लेकिन, विभाग की सख्ती से डीन और सुपरिन्टेंडेंट पद के लिए उम्मीदर माने जा रहे कई डॉक्टर्स को झटका भी लगा है। निजी अस्पतालों में सेवाएं देने और प्राइवेट प्रैक्टिस की शर्त के कारण प्रक्रिया से बाहर हो गए है।

तीन लाख प्रतिमाह का वेतन बदला
मेडिकल कॉलेज परिसर में तैयार सुपर स्पेशएलिटी हॉस्पिटल के अधीक्षक पद पर नियुक्ति को लेकर भी शर्त में बड़ा बदलाव किया गया है। अधीक्षक के लिए पहले प्रतिमाह लगभग तीन लाख रुपए वेतन निर्धारित किया गया था। अब यह बदलकर 37400-67000+10000 रुपए जीपी कर दिया गया है। इसके अलावा सुपर स्पेशएलिस्ट डॉक्टर्स की संविदा अवधि भी घटा दी गई है। पहले सुपर स्पेशएलिस्ट डॉक्टर्स की नियुक्ति पांच साल की संविदा अवधि पर करने का निर्णय हुआ था। यह अब तीन वर्ष कर दी गई है। लेकिन, संविदा अवधी से पहले नौकरी छोडऩे पर डॉक्टर को अब छह माह का वेतन अस्पताल में जमा करना होगा। पहले पांच माह का वेतन जमा करने का प्रावधान था।

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