आबकारी नीति के तहत की व्यवस्था
जिले में बनाए गए दो समूहों के लिए 147 शराब दुकानों का 593 करोड़ रुपए में टेंडर हुआ है। इसमें देशी एवं विदेशी शराब दुकानें शामिल हैं। शासन की आबकारी नीति में प्रावधान किया गया है कि इन दुकानों में से एक दुकान में केवल विदेशों में निर्मित या पैक शराब का ही विक्रय होगा। जिले में यह दुकान दक्षिण ग्रुप की फर्म के पास होगी।
पांच हजार से ज्यादा कीमत
विदेशों से आयातित शराब की कीमत पांच हजार रुपए से शुरू होती है। विभागीय जानकारी के अनुसार शहर में कई कम्पनियों और ब्रांड की शराब आती है। पहले कुछ ही दुकानों में विदेशी शराब मिलती थी। इससे बाहर से आने वाले पर्यटकों को परेशानी होती थी। अब एक दुकान तय की जा रही है।
दो से तीन करोड़ की बिक्री रोज
विभागीय आंकड़ों के अनुसार जिले में प्रतिदिन दो से तीन करोड़ रुपए की देशी, अंग्रेजी एवं विदेशी शराब की बिक्री होती है। इसीलिए आबकारी विभाग ने 25 फीसदी ज्यादा आबकारी राजस्व पर दुकानों का टेंडर किया। सभी दुकानें एक ही गु्रप के पास हैं। सूत्रों ने बताया कि इस ग्रुप में आठ-नौ पार्टनर हैं, जो अलग-अलग स्थानों पर दुकान चलाएंगे।
आबकारी नीति में आयातित शराब के लिए अलग से दुकान खोलने की योजना थी। जिले में दक्षिण समूह के पास शराब दुकान संचालन का अधिकार होगा। इससे विभाग को सालाना 12 करोड़ रुपए राजस्व मिलेगा।
– एसएन दुबे, सहायक आयुक्त आबकारी विभाग