हाईकोर्ट ने की तल्ख टिप्पणी, एमपीआरडीसी के जनरल मैनेजर की याचिका खारिज
जबलपुर•Jun 05, 2020 / 07:59 pm•
prashant gadgil
हाईकोर्ट
जबलपुर. मप्र हाइकोर्ट ने शुक्रवार को तल्ख टिप्पणी कर कहा कि सरकार को कर्मियो के स्थानांतरण के मसले में संवेदनशील होना चाहिए। हालांकि जस्टिस सुजय पॉल की सिंगल बेंच ने एमपीआरडीसी (मप्र सड़क विकास प्राधिकरण) जबलपुर प्रोजेक्ट इम्प्लीमेंट यूनिट (यूपीआई) के जनरल मैनेजर आरके सिंह की याचिका खारिज कर दी।एमपीआरडीसी जबलपुर पीआईयू के जनरल मैनेजर आरके सिंह की ओर से अधिवक्ता प्रवीण दुबे ने वीडियो कॉन्फेंसिंग के जरिये कोर्ट को बताया कि 13 फरवरी 2020 को सिंह का तबादला मुख्यालय भोपाल से जबलपुर पीआईयू किया गया। 17 फरवरी को उसने भोपाल में प्रभार देकर 18 फरवरी को जबलपुर पीआईयू में चार्ज ले लिया। जबकि जबलपुर में पदस्थ जीएम विनीत श्रीवास्तव को बड़वानी स्थानांतरित किया गया। उन्होंने जबलपुर का प्रभार सौंपा, लेकिन बड़वानी में ज्वॉइन नहीं किया। अधिवक्ता दुबे ने तर्क दिया कि श्रीवास्तव जबलपुर में लंबे अरसे से पदस्थ हैं। उन्हें अनुचित फायदा पहुंचाने के लिए विनीत श्रीवास्तव का तबादला निरस्त कर दिया गया। साथ ही उनकी जगह आए याचिकाकर्ता सिंह को नरसिंहपुर स्थानांतरित कर दिया गया। इस तरह 27 दिन के अंदर याचिकाकर्ता का बिना किसी कारण दूसरी बार तबादला किया गया, जो अनुचित है। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने तबादला आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर याचिका खारिज कर दी।
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