योग- प्रात: 8.48 तक वरियान उपरंात परिधि योग रहेगा। परिधि योग शुभ काय्र्र हेतु उत्तम माना जाता है।
विशिष्ट योग- शतभिषा नक्षत्र के साथ मित्र नामक उपयोग दैतिक कार्य हेतु अत्यंत उपयुकत रहेगा दोपहर तक अनुकूल रहेगा।
करण- सूर्योदय काल से वालव उपरंात कौलव तदनंतर तैतिल् करण का प्रवेश होगा। करण सामान्य है।
नक्षत्र- लघुसंज्ञक अधोमुख नक्षत्र धनिष्ठा प्रात: 7.34 तक उपरंात चर संज्ञक शतभिषा नक्षत्र रहेगा। धनिष्ठा नक्षत्र में मांगलिक कार्य देवालय, वस्त्रालंकार, आभूषण निर्माण, वास्तु, पौधरोपण, विवाह, उपनयन, जैसे कार्य संपादित किये जा सकते हैं। वहीं शतभिषा नक्षत्र में कारीगरी, चित्रकला, मशीनरी तथा सेवारंभ जैसे कार्य अत्यंत शुभ तथा मंगलकारी माने जाते हैं।
शुभ मुहूर्त – आज नामकरण, प्रसूति स्नान, नामकरण, वाद्यकलारंभ, वरकन्यावरण, वधूप्रवेश, आभूषण निर्माण, धान्यछेंदन, आवेदन पत्र लेखन के लिये दिन शुभ है।
श्रेष्ठ चौघडि़ए – आज प्रात: 6.00 से 9.00 लाभ, अमृत दोपहर 4.30 से 6.00 लाभ तथा रात्रि 7.30 से 10.30 शुभ तथा अमृत की चौघडिय़ा शुभ तथा मंंगलकारी मानी जाती है।
व्रतोत्सव- आज : माघ मास की द्वितीया तिथि रहेगी आज के दिन श्री गणेश जी का पूजन करना परम कल्याणकारी माना जाता है।
चन्द्रमा : दिवस रात्रि पर्यंत तक शनि प्रधान राशि कुंभ राशि में संचरण करेगा।
ग्रह राशि नक्षत्र परिवर्तन: सूर्य के मकर राशि में गुरु वृश्चिक राशि में तथा शनि धनु राशि के साथ सभी ग्रह यथा राशि पर स्थित है, सूर्य का श्रवण नक्षत्र में संचरण रहेगा।
दिशाशूल: आज का दिशाशूल उत्तर दिशा में रहता है, इस दिशा की व्यापारिक यात्रा को यथा संभव टालना हितकर है। चंद्रमा का वास पश्चिम दिशा में है, सन्मुख एवं दाहिना चंद्रमा शुभ माना जाता है।
राहुकाल: दोपहर 12.00.00 से 1.30.00 बजे तक। (शुभ कार्य के लिए वर्जित)
आज जन्म लेने वाले बच्चे – आज जन्मे बालकों का नामाक्षर गो,सा,सी,सू अक्षर से आरंभ कर सकते हैं। शतभिषा नक्षत्र में जन्मे बालकों की राशि कुम्भ होगी, राशि स्वामी शनि तथा ताम्रपाद पाया में जन्म माना जायेगा कुम्भ राशि के जातक प्राय: सुंदर, मननशील, आध्यात्मिक, सरल, विनोदी स्वभाव, सुधारवादी, दार्शनिक, लोकप्रिय, कलाप्रेमी तथा व्यापार की कला में अत्यंत निपुण होते हैं। जीवन में ेसकारात्मकता का प्रभाव रहता है।