जबलपुर

gupt navratri 2018 upay मंगल दोष दूर करने का शुभ समय, नवरात्रि में करें इस देवी की पूजा

मंगल दोष दूर करने का शुभ समय, नवरात्रि में करें इस देवी की पूजा

जबलपुरJul 12, 2018 / 03:59 pm

Lalit kostha

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जबलपुर। भूमि आदि की भी कारक हैं माता कात्यायनी, मां दुर्गा के छठे स्वरूप की पूजा कर पाएं आशीर्वाद। मां दुर्गा के छठे स्वरूप को माता कात्यायनी के रूप में जाना जाता है। बहुत दिव्य और भव्य रूप की माता कात्यायनी की पूजा मंगल दोष दूर करने के लिए सर्वाेत्तम मानी जाती है। माघ मास के गुप्त नवरात्र की षष्ठी तिथि की प्रमुख देवी मां कात्यायनी ही हैं, इनकी आराधना कर साधक सर्वसुख प्राप्त कर सकता है।

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प्रिय है कमल का फूल
आदिशक्ति ने महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर उनके यहां पुत्री के रूप में जन्म लिया था। इसलिए वे कात्यायनी कहलाती हैं। देवी कात्यायनी का वर्ण स्वर्ण के समान चमकीला है। उनकी चार भुजाएं हैं। दाहिनी और ऊपरी भुजा में हाथ अभयमुद्रा में है तथा नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में है। बाएं तरफ के ऊपर वाले हाथ में तलवार है और नीचे वाले हाथ में कमल का फूल है। 2 फरवरी को विधिपूर्वक देवी के इस स्वरूप की पूजा करें। कात्यायनी ध्यान मंत्र- चन्द्रहासोज्जवलकरा शार्दूल वरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्यादेवी दानवद्यातिनी।। का जाप करें।

वैवाहिक समस्याएं होंगी दूर

माता कात्यायनी की उपासना से कई सिद्धियां साधक को प्राप्त हो जाती हंै। भक्त उनके अलौलिक तेज और प्रभाव से युक्त हो जाता है। वैवाहिक जीवन की समस्याएं खत्म होती हैं। ज्योतिषाचार्य दीपक दीक्षित बताते हैं कि बिना गुण मिलाए विवाह करने, सप्तम भाव में मंगल, शनि, राहू जैसे कू्रर ग्रह की उपस्थिति और मंगल दोष के कारण वैवाहिक संबंधों में कटुता आती है। इससे गृहस्थ जीवन बुरी तरह प्रभावित होता है, परिवार परेशान हो जाता है। इन दिक्कतों को दूर करने के लिए कात्यायनी माता की पूजा करनी चाहिए। मांगलिक दोष के निदान के लिए उनकी आराधना सबसे असरकारक मानी जाती है।

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